लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद ओम बिड़ला सोमवार को पहली बार बीकानेर पहुंचे और पत्रकारों के साथ अपने लोकसभा के अनुभव साझा किए. उन्होंने अपने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपने एक महीने के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि 1952 में संसद की स्थापना के बाद से अब तक का यह पहला सत्र रहा, जिसमें बिना बाधा के सबसे ज्यादा विधेयक पारित हुए. इसमें दूसरे दलों का भी सहयोग रहा.
ओम बिड़ला ने कहा कि सदन बहुमत के आधार पर नहीं, बल्कि सर्वसम्मति के आधार पर चलना चाहिए. हमने इस बार अधिकतर विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए, लेकिन जहां मत विभाजन की स्थिति बनी, वहां भी विधेयक पारित किए गए. उन्होंने कहा कि लोकसभा में ज्यादातर सदस्य नए हैं, लेकिन उन्होंने नए सदस्यों को भी अपनी बात रखना का पूरा मौका दिया. अधिकतर सदस्यों में अच्छी प्रतिभा है जो अपने क्षेत्र की समस्याओं को बेहतर तरीके से रखने और सारगर्भित तरीके से अपनी बात कहने कहने की क्षमता रखते हैं.
लोकसभा की कार्यप्रणाली से संबंधित सवालों पर बिड़ला ने कहा कि संसद का नया भवन बनाना और पेपरलेस कार्य का चलन समय की जरूरत है. तकनीक बदल रही है तो काम भी उसी के अनुसार करना चाहिए. संसद की कार्यवाही और प्रश्नों के जवाब सांसदों को भिजवाने में करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. यह सब कार्य ऑनलाइन होने से खर्च बचेगा. नए भवन के बारे में उन्होंने कहा कि संसद का भवन 97 साल पुराना है. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा की है और संसद का नया आधुनिक भवन बनवाने का प्रस्ताव रखा है. इस पर विचार चल रहा है.
राजस्थान के बारे मे पत्रकारों ने सवाल किए तो ओम बिड़ला ने कहा कि राजस्थान का बेटा होने के नाते वह हमेशा राजस्थान के साथ हैं. राजस्थान के विकास के लिए यहां की सरकार को केंद्र से सहयोग दिलाने में वह पूरी मदद करेंगे, चाहे कोई सी भी सरकार हो. ओम बिड़ला सोमवार सुबह 11.30 बजे विमान से बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पहुंचे. स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, विधायक बिहारी लाल विश्नोई, सुमित गोदारा, जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, पूर्व विधायक विश्वनाथ मेघवाल सहित कई भाजपा नेता मौजूद थे.
एयरपोर्ट से बिड़ला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास के घर पहुंचे. दुर्गादास के पिता गणेश दास का हाल ही निधन हुआ है. ओम बिड़ला ने उनके घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की. इसके बाद वह पूर्व विधायक गोपाल जोशी से मिलने पहुंचे और उनकी तबीयत का हालचाल पूछा.