भर्ती परीक्षाओं के पेपरलीक कांड को लेकर विपक्ष के साथ अपनों के हाथ चहुंओर से घिरी अशोक गहलोत सरकार, तो वहीं पेपरलीक कांड के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की पुरानी अदावत एक बार फिर खुलकर आ रही सामने, हाल ही में पेपरलीक मामलों को लेकर सीएम गहलोत ने पायलट के बयान पर पलटवार करते हुए नेताओं-अधिकारियों को दी थी क्लीन चिट, सीएम गहलोत ने कहा था कि- पेपरलीक कांड में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं है शामिल, इस पर अब सचिन पायलट में दिया करारा जवाब, उदयपुरवाटी में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा- अब कहा जा रहा है कि पेपरलीक में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं था शामिल, जबकि एग्जाम के पेपर होते हैं तिजोरी में बंद, बिना किसी की मदद के तिजोरी से निकलकर ये पेपर बाहर आ गए बाजार में, ये तो ‘जादूगीरी’ हो गई, बिना किसी कर्मचारी की संलिप्तता के ऐसा संभव ही नहीं है,’ पायलट के इस बयान को सीएम गहलोत पर सीधा हमला माना जा रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी जादूगीरी और खासकर सियासत की ‘जादूगीरी’ के लिए जाना जाता है, इससे पहले नागौर के परबतसर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा था कि- ‘भर्ती परीक्षाओं के पेपरलीक होते हैं तो मेरा मन रोता है, मेरी सरकार के मांग है कि इस मामले में दलालों को छोड़कर सरगना को पकड़ना चाहिए,’ पायलट के बयान के बाद सीएम गहलोत ने किसी भी नेता-अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता से साफ इंकार करते हुए सभी को दी थी क्लीन चिट