PoliTalks.News/Rajasthan. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बागी तेवर के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को पीसीसी चीफ से हटा दिया. साथ ही अन्य तीन मंत्रियों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने पहुंचे. राजभवन के सामने मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मजबूरी में आलाकमान को निष्कासित करने का फैसला करना पड़ा. पिछले काफी समय से बीजेपी षड्यंत्र कर रही थी, इसका आगाह मैंने कई बार किया. हमारे किसी नेता को इस षड्यंत्र में नहीं आना चाहिए था. यह षड्यंत्र बहुत बड़ा था जिसकी हमें जानकारी थी.
सीएम गहलोत ने दुख जताते हुए कहा कि आज हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए लेकिन बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए. बीजेपी ने जो धन बल के आधार पर मध्य प्रदेश, कर्नाटक में जो खेल खेला था, वही राजस्थान में करना चाह रहे थे, जो लोग उनके साथ गए, उन पर बड़ा प्रेशर है. यह स्थिति देश में बहुत खतरनाक है, मैं दुखी हूं.
यह भी पढ़ें: पायलट खेमे के विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा और दीपेंद्र सिंह शेखावत ने जारी किया प्रेस नोट
मुख्यमंत्री गहलोत ने मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि जिस रूप में देश में हॉर्स ट्रेंडिंग हो रही है, यह पहली केंद्र सरकार है जो धन बल के आधार पर सरकारों को तोड़ रही है, देश में 70 साल के इतिहास में पहली बार लोकतंत्र कमजोर हुआ है, सरकारी पहले भी बदली है राजीव गांधी, इंदिरा गांधी चुनाव हारे, देश ने देखा, देश में पता नहीं क्या हो रहा है, इस प्रकार से विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही है, हमने पायलट खेमे के सभी विधायकों को मौका दिया पर वह नहीं आए, इसीलिए आज मीटिंग रखी पर वह नहीं आए, उनमें से 8-10 लोग आना चाहते थे पर आने नहीं दिया गया.
यह भी पढ़ें: पायलट ही थे मुख्यमंत्री पद के सही दावेदार, दिल्ली में चाटुकारिता करके गहलोत बन गए CM- बेनीवाल
सीएम गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है. पूरी व्यवस्था बीजेपी की है. जो लोग मध्यप्रदेश के लिए काम कर रहे थे, वही टीम पायलट खेमे की देखभाल कर रही है. मजबूर होकर हमारे तीन साथियों को आज मंत्री पद से हटाया गया है. मैंने कोई आलाकमान से शिकायत नहीं की. मंत्रीमंडल के लोग सभी मेरे सहयोगी थे. विधायकों के सभी काम मैंने किए. बड़े दुखी होकर मंत्री पद से हटाया गया है. विधानसभा में कुछ विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं. यह लोग कांग्रेस के विधायक नहीं हो सकते. ऐसी मांग कांग्रेस का विधायक नहीं कर सकता. इसका मतलब यह है कि वह लोग बीजेपी के साथ सरकार बनाना चाहते हैं.