राजस्थान (Rajasthan) प्रदेश में कानून व्यवस्था (Law & order) की स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है. पिछले एक महीने में ही कई अन्य अपराधों (Crime) के अलावा राजधानी जयपुर (Jaipur) में तीन बार और गंगापुर सिटी में एक साम्प्रदायिक उन्माद की गम्भीर स्थिति बनी. ये हालत तो तब हैं जब गृह विभाग (Home Department) की जिम्मेदारी खुद प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पास है. एक तरफ सरकार (Government) जहां राज्य में अच्छा शासन देने के दावे के साथ राजधानी जयपुर में प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों (Police Officers) के साथ दो दिवसीय संवाद कर रही है तो वहीं को राजधानी के जयपुर के खोह-नागोरियान थाना क्षेत्र में गुरूवार सुबह मामूली विवाद पर एक व्यक्ति की नृशंस हत्या कर दी गयी. जिसके बाद से राजधानी की सियासत गरमाई हुई है.
दरअसल राजधानी जयपुर के खोह-नागोरियान (Kho-Nagoriyan) थाना क्षेत्र निवासी मन्नू वैष्णव (हॉकर) गुरूवार सुबह खोह नागोरियान क्षेत्र की शंकर विहार कॉलोनी में अखबार बांटने रफीक के घर पहुंचा. रफीक पिछले काफी समय से मन्नू को अखबार के पैसे नहीं दे रहा था. मन्नू ने गुरूवार सुबह रफीक से पैसे मांगे तो रफीक अपना आपा खो बैठा और घर के अंदर से कुल्हाडी ले आया और मन्नू पर एक के बाद एक कई वार कर दिए जिससे मन्नू गम्भीर रूप से घायल हो गया. एकत्रित भीड़ ने मन्नू को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद वहां मौजूद कॉलोनीवासीयों ने हत्या करने वाले रफीक को पकड़ लिया और उसकी धुनाई कर दी और पुलिस के हवाले कर दिया.
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घटना का पता चलने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया. उन्होंने खोह-नागोरियान थाने के सामने रोड़ पर जाम लगा दिया और थाने के बाहर काफी संख्या में इकट्ठा होकर जमकर नारेबाजी की. गुस्साई भीड़ ने खोहनागोरियान थाने के बाहर मेन रोड पर जाम लगा दिया. इसके बाद लोगों ने पुलिस थाने पहुंचकर हंगामा किया. वहां जमकर नारेबाजी की और मामले में लापरवाही बरतने वाले थानाप्रभारी वीरेंद्र सिंह को सस्पेंड करने की मांग की.
इसी बीच बगरू के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा और अन्य भाजपा नेता भी थाने पहुंचे और वहां मौजूद लोगों के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गये. इस दौरान पुलिस ने बलपूर्वक धरने पर बैठे लोगों को हटाने का प्रयास किया और लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस के इस रवैये से गुस्साई भीड नें पुलिस पर पथराव कर दिया इसमें पूर्व विधायक वर्मा सहित कुछ लोगों व पुलिसकर्मियों के चोटें भी आई. पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज का एक विडियो सोशियल मिडिया पर वायरल हो गया जिसमें लाठीचार्ज के बाद घायल पूर्व विधायक कैलाश वर्मा को अस्पताल ले जाये जाने के लिए जिस गाडी के पास ले जाया गया उसी गाडी में पूर्व मंत्री कन्हैया लाल मीणा बैठे हुए थे पुलिस द्वारा पूर्व मंत्री मीणा को गाडी से उतारकर जबरन पुलिस थाने ले जाते हुए दिखाया गया है. पूर्व मंत्री और विधायक के साथ हुई इस घटना की खबर फैलते ही विपक्ष के नेताओं ने घटनास्थल का रुख कर लिया.
राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा, भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व विधायक अरूण चतुर्वेदी, अशोक लाहोटी, सुमन शर्मा, सतीश पूनिया खोह नागोरियान थाने पहुंचे बाद में घटनास्थल पर पहुचें और पब्लिक द्वारा दिये जा रहे रहे धरने में शामिल हो गए. विपक्षी नेताओं ने हत्यारे की गिरफ्तारी, मृतक के परिवार में से किसी एक को नौकरी, 10 लाख का मुआवजा, थानाधिकारी को सस्पेंड करने सहित लाठीचार्ज करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफतार करने की मांग को लेकर मृतक कि पत्नी सहित धरने पर बैठ गये. धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने बताया कि ‘घटना की एफआईआर करवाने पुलिस थाने आई मृतक की पत्नी एवं परिवार जनों को भी पुलिस ने थाने में बैठा रखा था हमारे आने पर उन्हें छोडा गया. पुलिस का यह रवैया बहुत निंदनीय है.’
धरने पे बैठे नेताओं का आरोप था कि जिस व्यक्ति रफीक खान को मानसिक कमजोर बताकर हत्या के आरोप में पकड़ा है. उसके साथ अन्य लोग भी शामिल थे. जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. इसी बीच मौके पर पहुंचे डीसीपी पूर्व राहुल जैन व एसीपी आदर्श नगर पुष्पेंद्र सिंह ने भीड़ में मौजूद लोगों और नेताओं को समझाने का प्रयास किया. धरनार्थियों की मांग मानते हुए थानाधिकारी को सस्पेंड किया गया साथ उन्हें न्यायोचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया. तब कहीं जाकर लोगों ने धरना समाप्त किया.
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राजधानी जयपुर में इन दिनों अपराध का बोलबाला है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. जयपुर का पिछले कुछ दिनों से बिगडा साम्प्रदायिक सोहार्द किसी से छुपा नहीं है. मामूली बातों पर दंगे, झगडा, आगजनी, लूट, हत्या और उसके बाद नेताओं के धरने अब यहॉ आम बात हो गयी है. जिसे देखकर एैसा लगता है कि राजधानी जयपुर अब महफूज नहीं है. शहर के खोह-नागोरियान थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह हुई ये घटना काफी डराने वाली है. एक अखबार बांटने वाले मन्नू वैष्णव को अखबार के पैसे मांगना इतना महंगा पड गया की उसकी निर्मम हत्या कर दी गई. इस घटना से अपराधियों में कानून व्यवस्था का कितना ख़ौफ़ रह गया है इसका साफ पता चलता है.