Politalks.News/BiharPolitics. बिहार में नीतीश कुमार के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसको लेकर आए दिन कुछ न कुछ मीडिया में आता रहता है जिससे यह पता चलता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात का भय है कि इस कार्यकाल के बीच में ही उन्हें सीएम की कुर्सी से हटाया जा सकता है. रविवार को पटना में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर जदयू ऑफिस में हुए एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने छिपे हुए शब्दों में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर कहा कि उनको भी कार्यकाल के बीच में ही सीएम की कुर्सी से हटाया जा सकता है.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ अन्याय क्यों हुआ? कर्पूरी ठाकुर जी ने अतिपिछड़ों को आरक्षण दिया. नीतीश ने कहा कि नाराज लोगों ने 2 साल और कुछ महीने में ही उन्हें पद से हटा दिया, जबकि उन्होंने समाज के सभी वर्ग के हितों का ख्याल रखा था. नीतीश ने कहा कि, ‘कभी-कभी सबके हित में काम करने वाले लोगों से भी कुछ लोग नाराज हो जाते हैं. किसी की भी हमने उपेक्षा नहीं की है। बिहार निरंतर आगे बढ़ रहा है.’ कर्पूरी ठाकुर को 21 अप्रैल 1979 को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. नीतीश कुमार जननायक के दूसरे कार्यकाल की तरफ इशारा करते हुए यह बात कह रहे थे.
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आपको बता दें, बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में शिखर तक पहुंचे और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. पहली बार 22 दिसंबर, 1970 को उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और 2 जून, 1971 को पद से इस्तीफा दे दिया था. दूसरी बार वे 24 जून, 1977 को राज्य का मुख्यमंत्री बने और मजबूरन 21 अप्रैल, 1979 को पद से इस्तीफा देना पड़ा. नीतीश कुमार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के इसी दूसरे कार्यकाल की तरफ ही इशारा करते हुए ये बात कही.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ सत्ता का सुख लेना चाहते हैं, लेकिन हमारे लिए सत्ता का बस एक मतलब है और वो है सेवा. लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है. मैं वचन देता हूं, जब तक हम हैं, लोगों की सेवा करते रहेंगे. इससे पहले नीतीश कुमार ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत लोगों की आदत है बिना मतलब का बोलने की, खासकर के मेरे खिलाफ. लेकिन मुझे इसके विषय में कुछ नहीं कहना है. शायद मुझ पर बोलने से भी उनकी पब्लिसिटी हो जाए, यही सोचकर कुछ लोग बोलते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक हम हैं लोगों की सेवा करते रहेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा धर्म लोगों की सेवा करना है, विकास करना है. बाक़ी लोग क्या बोल रहे हैं उससे हमें कोई मतलब नहीं है. लेकिन लोगों को वस्तुस्थिति बताना चाहिए. पहले क्या था आज कैसा हाल है, ये किसी से छुपा हुआ है? जब काम होगा तो लोगों को रोज़गार भी मिलेगा इसका इंतज़ार कीजिए.
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कार्यक्रम के बाद जदयू ऑफिस से बाहर आने पर मीडिया से बातचीत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के तबीयत खराब होने की बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद जल्द ठीक हो जाए, यही उनकी शुभकामनाएं हैं. नीतीश ने कहा कि वे लालू यादव का हाल जानने के लिए कॉल नहीं करेंगे. नीतीश ने कहा- लालू के बीमार रहने दौरान पहले भी उनको देखरेख करने वाले को वह कॉल करते थे और उनकी तबीयत की जानकारी लेते थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद भी वह उनका हाल पूछते रहते थे. 2017-2018 में जब उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी वह खुद फोन कर लेते थे, लेकिन उनके परिवार के लोग कई तरह के आरोप लगाने लगे. जिसके बाद वह फोन करना बंद कर दिए. सोचे कि उनको अपडेट अखबार से भी मिल जाएगा तो अब वह फोन नहीं करेंगे. वह अखबार से ही उनकी तबीयत की जानकारी लेते हैं और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं.
गौरतलब है कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को तबीयत बिगड़ने के बाद शनिवार शाम को दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया था. जानकारी के मुताबिक, कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश यादव के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुटी हुई है. आरजेडी मुखिया को अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सेंटर की कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में रखा गया है.