मंद पड़े सेक्टरों को मोदी सरकार का पावर बूस्टर, 2.65 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा

आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 का ऐलान, कम तनख्वाह वाले कर्मचारियों को ईपीएफओ को जोड़ने की घोषणा, कोविड वैक्सीन के रिसर्च के लिए दिए जाएंगे 900 करोड़ रुपये

Nirmala Sitharaman And Anurag Thakur
Nirmala Sitharaman And Anurag Thakur

Politalks.News/Delhi/NirmalaSitaraman. कोरोना संकट के चलते कई सेक्टर पूरी तरह से मंदी की जबरदस्त मार झेल रहे हैं और लॉकडाउन खुलने के 6 महीने बाद भी मंदी से बाहर नहीं आ पाए हैं. इन सेक्टर को पावर बूस्टर देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 10 सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना (PLI) बनाई गई है. इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. पहले यह योजना तीन क्षेत्रों में शुरू की गई थी. इसके साथ ही सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 2,65,080 करोड़ रुपए के 12 राहत पैकेज की घोषणा की है. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत सरकार एक अहम फैसला लेते हुए योजना से जुड़े कर्मचारियों को ईपीएफओ से जोड़ेगी.

योजना में ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी तनख्वाह 15 हजार से कम है, उनको इस योजना का लाभ मिलेगा. जो लोग अगस्त से सितंबर तक नौकरी में नहीं थे, लेकिन उसके बाद पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. यह योजना 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी की जानकारी दी. निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीजर के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपये जाएंगे. इससे रक्षा उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों और ग्रीन एनर्जी कंपनियो को फायदा होगा. साथ ही प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अतिरिक्त 18 हजार करोड़ रुपये दिए खर्च किए जाने की बात भी केंद्रीय वित्तमंत्री ने कही. कोविड वैक्सीन के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

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जीडीपी पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 फीसदी घट सकता है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.

अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए सीतारमण ने बताया कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था. अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने तीसरी तिमाही में इकॉनमी के पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान जताया है. शेयर बाजार और मार्केट कैप की बढ़त हमारे प्रयासों का नतीजा है. बीते दिनों लिए गए फैसलों की वजह से जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है. सालाना आधार पर इसमें 10 फीसदी की तेजी आई है. वहीं, बैंक क्रेडिट में 23 अक्टूबर तक 5.1 फीसदी तेजी आई है. जबकि विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है. कोरोना पर बात करते हुए सीतारमण कहा कि देश मे कोविड-19 के सक्रिय मामले एक समय 10 लाख से अधिक थे, जबकि अब ये मामले घटकर 4.89 लाख रह गए हैं और मृत्यु दर घटकर 1.47 प्रतिशत पर आ गयी है.

क्या मिलेगा लाभ

  • सरकार दो साल तक 1000 तक की संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी. यह 1 अक्टूबर, 2020 से लागू होगा.
  • 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में नए कर्मचारी के 12 फीसदी पीएफ योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी. इसमें लगभग 95 फीसदी संस्थान आ जाएंगे और करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा.
  • कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीजर के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपये जाएंगे. इससे रक्षा उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों और ग्रीन एनर्जी कंपनियो को फायदा होगा.
  • प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अतिरिक्त 18 हजार करोड़ रुपये दिए खर्च किए जाएंगे.
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत अब तक 116 जिलों में 37 हजार 543 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसके विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान है.
  • फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी.
  • सरकार NIIF के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में निवेश करेगी.
  • हाउसिंग के क्षेत्र में एक बड़ी राहत देते हुए सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू की इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. ये छूट 2 करोड़ तक के मकान के लिए ही होगी. वहीं, पहली बार खरीदारी करने वाले लोगों के लिए ही ये छूट है. इसे 30 जून, 2021 तक के लिए रखा गया है.
  • सरकारी टेंडर में बयाना जमा-राशि (EMD) पर भी बड़ी राहत दी गई है. परफॉर्मेंस सिक्युरिटी को घटाकर 3 फीसदी कर दी गई है. ईएमडी टेंडर के लिए अनिवार्य होता है. ये राहत 31 दिसंबर, 2021 तक के लिए है.
  • कोविड वैक्सीन के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
  • 10 सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना बनाई गई है. इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. पहले यह योजना तीन क्षेत्रों में शुरू की गई थी.
  • कामत कमेटी की सिफारिश के मुताबिक 26 दबावग्रस्तऔर स्वास्थ्य सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत लाभ दिया गया है. मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है. यह योजना 31 मार्च, 2021 तक रहेगी. 61 लाख कर्जदारों को 2 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन आवंटित कर दिया गया है. इसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित कर दिए गए हैं. कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने MSME आसान शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया था.
  • बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. वहीं, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये की पूंजी आवंटित की गई है.
  • 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना से जुड़ने की वजह से प्रवासी मजदूरों को हो रहा फायदा.
  • पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये के 13.78 लोन आवंटित किए गए हैं.

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