Politalks.News/Maharashtra. इन दिनों तो देश की प्रमुख खबरों में दो ही नाम छाये हुए हैं. पहला अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और दूसरा संजय राउत (Sanjay Raut). दोनों के बीच कैट फाइट के बीच कंगना की मुश्किलें तो बढ़ गई लेकिन अब लगता है कि शिवसेना नेता संजय राउत को इसका भी इनाम मिला है. आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावत उन पर बिलकुल ठीक बैठती है. कंगना के साथ इस फसाद के उद्गमकर्ता संजय राउत को शिवसेना ने पार्टी का मुख्य प्रवक्ता घोषित किया है. संजय राउत शिवसेना की ओर से राज्यसभा सांसद के साथ मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं.
कथित तौर पर कंगना को मुंबई आने के लिए धमकी देकर एक बार फिर देश के मीडिया में सुर्खियों आए संजय राउत शिवसेना के पुराने नेता और उद्धव ठाकरे के वफादार साथियों में एक रहे हैं. राजनीति में उनकी पकड़ और वाकपटुता के चलते ही उन्हें पार्टी प्रवक्ता का पद दिया गया है. शिवसेना ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि राउत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त करने के अलावा लोकसभा सदस्य अरविंद सावंत और धैर्यशील माने, राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत, अनिल परब, गुलाबराव पाटिल, विधायक सुनील प्रभु और प्रताप सरनाईक, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर और पार्टी के वरिष्ठ नेता नीलम गोरहे को पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया है. प्रवक्ताओं की इस टीम को संजय राउत लीड करेंगे.
बता दें कि सुशांत सिंह की मौत को लेकर कंगना रनौत लगातार मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर हमला कर रही हैं. उन्होंने कहा था कि उन्हें वर्तमान की महाराष्ट्र सरकार के दौरान मुंबई में रहने में डर लगता है. उनके इस बयान पर संजय राउत ने जवाब दिया था कि अगर उन्हें डर लगता है तो उन्हें मुंबई नहीं आना चाहिए. राउत के इस बयान पर कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कर दी थी, जिसका पूरे बॉलीवुड सहित आम लोगों ने भी विरोध किया था.
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लेकिन असल विवाद तब शुरू हुआ, जब एक इंटरव्यू में राउत ने कंगना के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया. इसके बाद कंगना ने कहा कि उनको धमकियां मिल रही हैं. कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर संजय राउत पर धमकी देने का आरोप लगाया और नेशनल मीडिया पर छा गई. इसके बाद संजय राउत और कंगना रनौत के बीच सोशल मीडिया पर ट्वीट फाइट जारी रही. संजय राउत ने भी आपा खोते हुए कंगना को हरामखोर तक कह दिया. हालांकि बाद में बयान बदलते हुए कहा कि उन्होंने नॉटी कहा था.
इधर, कंगना ने लड़ाका तेवर दिखाते हुए ‘मुंबई किसी के बाप की नहीं है’ और ‘उखाड़ना है उखाड़ लो’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिस पर महाराष्ट्र सरकार भी तेवर में आ गई. उनके इस तरह के बयानों पर शिवसेना की महिला विंग ने मुंबई की सड़कों पर प्रदर्शन करने शुरु कर दिए. जिसके बाद सोमवार को उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई. ऐसी सुरक्षा पाने वाली वो पहली बॉलीवुड स्टार बन गई हैं. कंगना की सुरक्षा में एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और कमांडोज़ सहित 11 हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इस श्रेणी की सुरक्षा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मिली हुई है.
इधर, बीएमसी ने कंगना के दफ्तर में धावा बोलते हुए प्रोपर्टी के निर्माण पर सवाल उठाए हैं. इसे लेकर कंगना काफी डरी हुई हैं क्योंकि इसमें उनकी सिक्यूरिटी भी काम नहीं आ सकती. वे अपने दफ्तर का हाल भी ट्वीट पर वीडियो अपलोड करके कर रही हैं. कंगना 9 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में अपने घर से वापस मुंबई आ रही हैं और सभी को इसका इंतजार है.
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उधर, संजय राउत ने अपने बयान पर माफी मांगने से स्पष्ट तौर पर मना कर दिया. एक इंटरव्यू में संजय राउत ने कहा कि मैंने अपने कथन में गलती की हो सकती है लेकिन कंगना भी ऐसी गलतियां करती है. हमने कई मौकों पर ऐसा देखा है. संजय राउत ने अपने शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘मैंने कहा था कि अगर उन्हें मुंबई पुलिस और प्रशासन में भरोसा नहीं है, अगर वो हमारी पुलिस को माफिया बुलाती हैं, तो वो यहां क्यों रहती हैं?’ इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
संजय राउत ने ये भी कहा कि अगर कंगना महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को लेकर दिए गए बयानों पर माफी मांगती हैं तो वे भी अपने बयानों पर माफी मांगने के लिए तैयार हैं. याद दिला दें, कंगना ने साफ तौर पर कहा था कि उन्हें मुंबई पुलिस पर विश्वास नहीं है. उन्होंने मुंबई की तुलना भी पीओके और तालिबान से कर दी थी.