‘वाल्मीकि के साथ जरुर खेले-कूदे होंगे नेपाली पीएम ओली’

सोशल मीडिया की हलचल

अयोध्या
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पॉलिटॉक्स न्यूज. नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जनता का ध्यान हटाने के लिए अयोध्या वाला बयान क्या दिया, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. ओली ने बयान दिया कि भगवान श्रीराम चंद्र भारतीय नहीं बल्कि नेपाली हैं. उन्होंने यूपी के अयोध्या को नकली अयोध्या करार देते हुए कहा कि असली अयोध्या नेपाल के वीरगंज के पान ठोरी गांव में हैं. यहीं श्रीराम का जन्म हुआ और भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है. उनके इस बयान को भारत में तो ​तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, नेपाल में भी कई नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. उनकी पार्टी ने ओली का बचाव करते हुए बयान जारी किया कि उनका ये बयान राजनीति से ओत प्रोत नहीं है. ओली के इस बयान पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक नाराजगी है.

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ओली के बयान पर बॉलीवुड के दिग्गज लिरिक्स राइटर राइटर मनोज मुंतशिर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मनोज ने समाचार एजेंसी एएनआई के उस ट्वीट को रीट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि नेपाली पीएम ओली ने कहा है कि असल अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है. प्रभु राम भारतीय नहीं नेपाली थे. इस पर रिट्वीट करते हुए मुंतशिर ने लिखा, ‘शर्मा जी जरूर वाल्मीकि के साथ खेले-कूदे होंगे, तभी राम के बारे में फर्स्ट हैंड इनफॉर्मेशन रखते हैं. चलिए अच्छा है, इसी बहाने ये और इनका देश चर्चा में तो आया. राम के नाम से बहुतों का भला हुआ है, इनका भी हो गया.’

मनोज के इस ट्वीट खूब रीट्वीट किया जा रहा है और लोग भी रिप्लाई करते हुए केपी ओली की टांग भी खींच रहे हैं. आर.रंजन यादव जो खुद नेपाली हैं, कहते हैं कि वैसे तो मैं भारतीय मीडिया के खिलाफ हूं क्योंकि वे फेक न्यूज़ चलाते हैं लेकिन इस बार मैं गलत हूं. हमारे पीएम द्वारा दिया गया बयान शर्मनाक है.

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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी नेपाल के पीएम ओली पर निशाना साधा. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी की जन्मस्थली को लेकर नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ जी का अमर्यादित बयान उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है.’

इधर, कांग्रेस नेता अभिषेक सिंधवी ने भी ओली की खिंचाई कर दी. सिंधवी ने कहा कि लगता है उन्होंने अपना दिमागी संतुलन खो दिया है जो ​चीन के रटाउ तोते के तरह बोल रहे हैं. पहले उन्होंने भारतीय क्षेत्रों को अपना बताया, अब राम, सीता, अयोध्या और रामराज्य को अपने इलाकों में बता रहे हैं.

वहीं एक यूजर शिवम प्रताप सिंह ने कहा कि नेपाल में भगवान राम ने माता शबरी के जूठे बेर नहीं बल्कि मोमोज खाये थे. दरअसल शिवम का इशाना नेपाल द्वारा चीन का समर्थन करने की ओर है.

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नवीन पाल नाम के यूजर ने लिखा कि मैं भारत नेपाल बॉर्डर पर रहता हूं. हमारे यहां एक बात बहुत प्रचलित है कि नेपालियों का दिमाग घुटने मे होता है. नेपाल के प्रधानमंत्री बस यही बात सिद्ध कर रहें हैं.

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ऐसा नहीं है कि ओली को भारतीय यूजर्स ही घेर रहे हैं. नेपाली प्रधानमंत्री का नेपाल में भी विरोध हो रहा है. नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री रमेश नाथ पांडे ने ओली पर बरसते हुए ट्वीट किया, ‘धर्म राजनीति और कूटनीति से ऊपर है. यह बहुत ही भावनात्मक विषय है. बेतुकी बयानबाजी से केवल शर्मिंदगी महसूस कराती है. अगर असली अयोध्या बीरगंज के पास है तो फिर सरयू नदी कहां है?’

वहीं नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने ओली के बयान को बेतुका बताते हुए ट्वीट में लिखा, ‘आदि-कवि ओली द्वारा रचित कल युग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए.

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