Politalks.News/Rajasthan. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण मामले पर जाट समाज की राज्य सरकार के साथ वार्ता फेल हो गई है. ऐसे में अब जाटों ने 25 दिसंबर से बेमियादी धरना देने की घोषणा की है और साथ ही प्रदेश सरकार को भी चेताया कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सड़क और रेलमार्ग भी जाम किया जाएगा. सरकार से वार्ता के लिए जाट नेता नेम सिंह फौजदार के नेतृत्व में 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल आज जयपुर पहुंचा था.
सरकार के आमंत्रण पर भरतपुर कलेक्टर के माध्यम से गुरुवार को सचिवालय में हुई बैठक में जाट समाज प्रतिनिधिमंडल की तीन मांगों पर चर्चा हुई. जाट समाज ने भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण के लिए केंद्र को चिट्ठी भेजने, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने तथा वर्ष 2013 से 2017 तक की नौकरियों के आरक्षण के तहत समाज के युवाओं को नौकरी देने की मांग रखी थी. इनमें से दो मांगे मानने के लिए तो सरकार राज़ी हो गई, पर राज्य की ओर से केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली सिफारिशी चिट्ठी की मांग पर गतिरोध बना रहा.
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ऐसे में प्रमुख मांग पर ही वार्ता बेनतीजा रहने के बाद जाट समाज प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अब जाट समाज सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़कर अपनी मांगों को मनवाएगा. आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक व जाट नेता नेम सिंह फ़ौजदार ने बताया कि सरकार ने जाट समाज के धैर्य की परीक्षा कई बार ली है, लेकिन अब उन्हें एक बार फिर आंदोलन करने को मजबूर किया गया है. फौजदार ने चेतावनी देते हुए ये भी कहा कि सरकार जाट समाज को हल्के में ना ले.
बता दें, घोषित कार्यक्रम के तहत भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस से आंदोलन शुरू होने जा रहा है. भरतपुर के जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर खेड़ली मोड़ पर जाट समाज महापड़ाव डालेगा.