यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम रहे स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है. रोहित नई दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में स्थित अपने घर में अचेत अवस्था में पाये गए. इसके बाद वहां से उन्हें फौरन हॉस्पीटल ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. अभी तक उनकी मौत का कारण साफ नहीं हो सका है.

देश की राजनीति में बड़ा नाम रखने वाले दिग्गज नेता दिवंगत एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध मौत हो गई है. मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. ज्वाइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव के अनुसार, रोहित शेखर के नाक से खून निकल रहा था. घर पर मौजूद नौकरों द्वारा शेखर की मां को भी फोन किया गया था, जो उस समय चेकअप के लिए हॉस्पीटल गई हुईं थीं. सूचना के तुरन्त बाद रोहित की मां अस्पताल से डिफेंस कालोनी घर पहुंची और एम्बुलेंस से रोहित को हॉस्पीटल लाया गया. जहां डाक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया.

बता दें कि, 2008 में रोहित शेखर नाम के एक शख्स ने कोर्ट में तिवारी को अपना ‘बॉयलॉजिकल फादर’ (जैविक पिता) घोषित करने का मुकदमा किया था. कोर्ट के निर्देश पर एनडी का डीएनए टेस्ट कराया गया, जो उनके बेटे रोहित से मैच कर गया. 27 जुलाई 2012 को कोर्ट ने डीएनए टेस्ट का रिजल्ट देखने के बाद फैसला रोहित शेखर के पक्ष में दिया और कोर्ट ने माना कि नारायण दत्त तिवारी रोहित के ‘बॉयलॉजिकल फादर’ हैं और उज्जवला शर्मा ‘बॉयलॉजिकल मदर’. इसके बाद काफी लंबे समय तक इंकार के बाद आखिरकार 3 मार्च 2014 को तिवारी ने यह बात मान ही ली की वे रोहित के ‘बॉयलॉजिकल फादर’ हैं.

गौरतलब है कि, यूपी और उत्तराखंड के सीएम रहे दिवंगत नारायण दत्त तिवारी द्वारा रोहित शेखर को अपना बेटा मानने के बाद वे मई 2014 में भी मीडिया की सुर्खियों में रहे. दरअसल, 22 मई 2014 को यूपी की राजधानी लखनऊ में 89 वर्षीय नारायण दत्त तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से विधिवत विवाह किया था. अपने इस हक के लिए उज्ज्वला शर्मा और उनके बेटे रोहित शेखर को एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी.

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