मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के लिए एनडीए-विपक्ष की होगी भिड़ंत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी 'जेडीयू की ओर से हरिवंश नारायण सिंह और और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मनोज झा उपसभापति के लिए प्रत्याशी होंगे'

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Politalks.News/Parliament Session. अगले सप्ताह से देश के सियासी गलियारों में खूब उथल-पुथल मचने वाली है. ‘राजनीतिक दलों के साथ सियासी पंडितों ने भी इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है’. कोरोना महामारी की वजह से पिछले 7 महीने से पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच सीधी टक्कर या कहें आमना-सामना नहीं हो पाया है. अब सोमवार यानी 14 सितंबर से राजधानी दिल्ली के संसद भवन में मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है. लेकिन उससे पहले उसी दिन होने वाले राज्यसभा उपसभापति के चुनाव को लेकर भाजपा (एनडीए) और कांग्रेस (विपक्षी दलों) ने ‘सियासी दांव‘ चलने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है.

उपसभापति के चुनाव को लेकर मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. मानसून सत्र में शुरू हो रहे हैं एनडीए और विपक्षी दलों के नेताओं के संग्राम को देखने के लिए सियासी पंडित भी बेताब हैं. बता दें कि इन दिनों दिल्ली की राजनीति में बिहार में होने वाला विधानसभा चुनाव सुर्खियों में है. राज्यसभा का उपसभापति का चुनाव भी बिहार से ही जोड़ दिया गया है. आइए आपको बताते हैं एनडीए और विपक्षी नेताओं का यह ‘नया सियासी खेल‘ क्या है?

सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले दिन ही संसद में बिहार चुनाव की एक झलक देखने को मिलेगी. उपसभापति पद के लिए होने वाले चुनाव में बिहार के दो प्रमुख विरोधी दलों के उम्मीदवार आमने सामने होंगे. इस चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और 14 सितंबर को सदन में उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिए हैं.

उपसभापति चुनाव के लिए दोनों बिहार के प्रत्याशियों पर लगाया सियासी दांव-

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा गठबंधन दलों और कांग्रेस सहयोगी दलों दोनों ने ही राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के लिए बिहार के प्रत्याशियों पर सियासी दांव लगाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ‘जेडीयू की ओर से हरिवंश नारायण सिंह और और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मनोज झा उपसभापति के लिए प्रत्याशी होंगे‘. बता दें जदयू उम्मीदवार हरबंस सिंह को जिताने के लिए भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ पूरा जोर लगाए हुए हैं. दूसरी ओर आरजेडी के उम्मीदवार मनोज झा उपसभापति बनाने के लिए कांग्रेस ने भी कवायद शुरू कर दी है.

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बुधवार को जेडीयू प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह ने उपसभापति के लिए अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. आरजेडी के उम्मीदवार मनोज झा अपना नामांकन आज या कल में दाखिल कर सकते हैं ? राज्यसभा के उपसभापति के नामांकन भरने की अंतिम तारीख 11 सितंबर शुक्रवार है. आपको बता दें कि पहले विपक्ष की ओर से डीएमके के तिरुचि शिवा को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन बिहार चुनाव को देखते हुए लालू यादव की पार्टी आरजेडी के मनोज झा को मैदान में उतारने पर सहमति बनी, वो भी तब जब एनडीए की ओर से भी बिहार में आरजेडी की विरोधी और सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

बता दें, सभापति के दोनों ही प्रत्याशी सवर्ण जाति से हैं, हरिवंश ठाकुर हैं जबकि मनोज झा बिहार के ब्राह्मण हैं. ऐसे में भाजपा-जेडीयू साथ ही कांग्रेस-आरजेडी ने बिहार में सवर्ण जाति को भी विश्वास में लेने का दांव चला है. यहां यह भी बता दें कि हरिवंश नारायण सिंह पहले भी राज्यसभा में उपसभापति पद पर रह चुके हैं. उनका राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने के कारण जगह खाली हुई थी, लेकिन अब वो दोबारा चुनकर आ गए हैं, जिसके बाद फिर उन्हें ही एनडीए की ओर से इस पद का उम्मीदवार बनाया गया है.

राज्यसभा में एनडीए और विपक्षी सहयोगियों के दलों की स्थिति इस प्रकार है-

राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 240 है. चुनाव वाले दिन सभी सदस्य वोट करते हैं तो जीतने के लिए 121 मतों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के 87 सदस्यों समेत एनडीए के पास 105 सांसदों का समर्थन हासिल है. वर्तमान हालात को देखते हुए वाईएसआर कांग्रेस के 6, एआईएडीएमके के 9 और बीजू जनता दल के भी 9 सदस्यों के भी एनडीए के ही समर्थन में वोट करने की संभावना है.

ऐसे में हरिवंश के पास 129 सदस्यों का समर्थन हासिल है. वहीं मनोज झा के पास कांग्रेस के 40 सांसदों समेत केवल 99 सांसदों का समर्थन हासिल है. बीएसपी, टीडीपी और टीआरएस का रुख अभी साफ नहीं है, इन पार्टियों के कुल 12 सदस्य हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के पास तीन राज्यसभा के सांसद हैं. लेकिन अभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट नहीं है कि वह इस चुनाव में किधर जाएंगे.

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बता दें कि राज्यसभा में यूपीए और एनडीए दोनों ही बहुमत से दूर हैं, ऐसे में राज्यसभा उपसभापति चुनाव में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने होंगे. इससे पहले एनडीए उम्मीदवार हरबंस सिंह को वर्ष 2018 में उपसभापति के रूप में निर्विरोध चुना गया था. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से हरिवंश सिंह दोबारा से मैदान में हैं. राज्यसभा में एनडीए के पास भले ही सबसे ज्यादा सांसद हों, लेकिन अपने दम पर उपसभापति का चुनाव जीतने के आंकड़े नहीं हैं. ऐसे में देखना है कि कौन सी पार्टी किसके साथ खड़ी होती है. वहीं दोनों उम्मीदवार बिहार की दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी आरजेडी और जेडीयू से होने के कारण आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव की एक झलक भी यहां देखने को मिलेगी.

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