देश में चल रहे चुनावी समर में हर प्रत्याशी अपने तरीके से चुनाव प्रचार में लगा है. कोई नई योजना लाने के साथ मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के वादे करता दिख रहा है तो कोई स्थानीय मुद्दों को शीर्ष तक पहुंचाने का भरोसा दिला मतदाताओं का मन जीतने में लगा है लेकिन बिहार की एक लोकसभा सीट की राजनीति में नया ट्विस्ट सामने आया है. जहां एक निर्दलीय प्रत्याशी अपने आपको न सिर्फ केन्द्र के सत्ताधारी एलाइंस का केंडिडेट बताकर वोट मांग रही है बल्कि उनकी योजनाएं और करवाए गए विभिन्न कामों को भी गिना रहीं है. इस पसोपेश में केवल एनडीए का असली प्रत्याशी ही नहीं बल्कि मतदाता भी हैं कि आखिर असली और नकली कौन है.

हम बात कर रहे हैं बिहार की बांका लोकसभा सीट की जहां इस बार महागठबंधन और एनडीए में सीधा मुकाबले के बीच कई सीटें ऐसी भी हैं जहां संघर्ष त्रिकोणीय नजर आ रहा है. यहां एक ओर जेडी (यू) के प्रत्याशी विधायक गिरिधारी यादव एनडीए के घोषित प्रत्याशी हैं तो वहीं निर्दलीय पुतुल कुमारी खुद को ‘एनडीए का असली कैंडिडेट’ बता सबको असमंजस में डाल रहीं हैं. दिलचस्प बात ये है कि यहां दोनों ही प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लोगों से वोट मांगने में लगे हैं. यहां से बिहार के महागठबंधन ने राजद प्रत्याशी और सांसद जयप्रकाश नारायण यादव को फिर भरोसा जताते हुए मौका दिया है.

बता दें कि, इस बार के चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे एनडीए के घोषित प्रत्याशी गिरीधारी यादव, निर्दलीय पुतुल कुमारी व महागठबंधन के हिस्से राजद से प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव, तीनों ही प्रत्याशी बांका से सांसद रह चुके हैं. हुआ यूं कि बिहार एनडीए में हुए सीट शेयरिंग में बांका की सीट जदयू के खाते में चली गई, जिसके चलते साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाली पुतुल कुमारी बेटिकट हो गईं. जिसके बाद पुतुल कुमारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. गौरतलब है कि, पिछले लोकसभा चुनावों में जयप्रकाश नारायण यादव ने पुतुल कुमारी को दस हजार वोटों से शिकस्त दी थी.

खुद को एनडीए का उम्मीदवार बताते हुए पुतुल जनता के बीच जा रही है और समर्थन मांगने के साथ वोट देने की अपील कर रहीं है. पुतुल कुमारी का कहना है कि वे निर्दलीय लड़ने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थीं, लेकिन कुछ परिस्थितियां ही ऐसी बन गईं कि ये फैसला लेना पड़ा. इसी बीच यहां गठबंधन का प्रत्याशी मैदान में होने के कारण पार्टी (बीजेपी) का दवाब भी था कि मैं चुनाव न लडूं. वहीं पार्टी को असहज स्थिति से बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है.

वहीं, एनडीए की योजना और देश में करवाए गए विकास कार्यों को गिनाकर वोट मांग रहीं पुतुल कुमारी कहती हैं कि, हमने लोगों के बीच उज्ज्वला चूल्हा शिविर लगा-लगा कर बंटवाया था. मेरा चुनाव चिन्ह भी गैस सिलिंडर है. कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली अंतरराष्ट्रीय शूटर और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त श्रेयसी सिंह पुतुल कुमारी की छोटी बेटी हैं. वह भी पिछले कुछ सप्ताह से लगातार अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार में लगी हैं.

हाल के दिनों में मशहूर हुए ‘ठीक है’ गाने की तर्ज़ पर प्रत्याशी अपने प्रचार गीत के द्वारा जनता से वोट बटोरने की जुगत में लगे हुए हैं. पुतुल कुमारी के चुनाव प्रचार से जुड़ा पैरोडी गाना ‘ठीक है’ भी खासा छाया हुआ है. वहीं एनडीए उम्मीदवार गिरिधारी यादव भी ठीक इसी तर्ज पर बने अपने पैरोडी गाने के जरिए मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं. पुतुल कुमारी के प्रचार गीत के बोल कुछ इस तरह से हैं, “गैस सिलिंडर छाप पर हमलोग बटन दबाएंगे… ठीक है… पुतुल कुमारी को ही इस बार हमलोग एमपी बनाएंगे…. ठीक है..” वहीं गिरधारी यादव कुछ इस अंदाज़ में समर्थन मांग रहे हैं, “हाथ से हाथ मिला के अपने कदम को आगे बढ़ाएंगे… ठीक है… तीर छाप पर बटन दबाएंगे गिरधारी जी को जिताएंगे… ठीक है…”

बता दें कि, पुतुल कुमारी के चुनाव मैदान में उतरने के बाद से ही एनडीए वोटों में बिखराव तय है. आम तौर पर शहरी मतदाताओं का बड़ा हिस्सा एनडीए वोटबैंक कहा जाता है लेकिन बांका शहर में इन वोटर्स में बिखराव साफ दिख रहा है. चाय की थड़ियों से लेकर सैलून तो चौक की हथाईयों से लेकर पार्टीज डिस्कस में ये बातें सामने आ रहीं हैं. खैर, जो भी हो. एनडीए के असली और नकली के अलावा बिहार गठबंधन के प्रत्याशी भी जनता तक पहुंचने में अपना-अपना दम-खम लगा रहे हैं.

वहीं, एनडीए का ‘असली कैंडिडेट’ होने के दावों के बीच अबकी बार यहाँ का संघर्ष न केवल त्रिकोणीय और रोचक ही रहने वाला है बल्कि माना तो यहां तक जा रहा है कि इस बार यहां बहुत क़रीबी मुक़ाबला रहने के आसार है. ये बात बीते चुनावों के आंकड़े भी कहते हैं जिसमें बांका लोकसभा सीट पर बीते कुछ चुनावों में बहुत कम वोटों के अंतर से हार-जीत का फैसला होता रहा है.

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