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नवीन पटनायक ने 5वीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. राज्यपाल गणेशीलाल ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई. डालते हैं एक नजर नवीन पटनायक के सियासी सफर पर-

नवीन पटनायक का जन्म 16 अक्टूबर, 1946 को कटक (ओडिशा) में जनता दल के नेता बीजू पटनायक के घर हुआ. उनकी शुरुआती शिक्षा देहरादून के वेलहम बॉयज स्कूल और दून स्कूल में हुई उसके बाद वो शिक्षा हासिल करने देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे. यहां के सेंट स्टीफंस कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की. उसके बाद वो उच्च शिक्षा हासिल करने विदेश चल गए.

नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक ओडिशा के दो बार मुख्यमंत्री बने. 1996 में पिता की निधन के बाद नवीन पटनायक ने राजनीति में कदम रखा. जनता दल ने उन्हें अस्का लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया और नवीन पटनायक ने अपने पहले चुनाव में ही जीत हासिल की.

1997 में जनता दल में फूट पड़ने से संगठन कई धड़ों में विभाजित हो गया. जनता दल से अलग होकर नवीन पटनायक ने बीजू जनता दल के नाम से राजनीतिक दल का गठन किया. नए दल के गठन के बाद नवीन पटनायक की पहली परीक्षा 2000 में होने वाली थी. इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव थे.

नवीन पटनायक ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर विधानसभा का चुनाव लड़ा. चुनाव में बीजेडी-बीजेपी गठबंधन को कामयाबी मिली. नवीन पटनायक ने पहली बार मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया.

2004 के विधानसभा चुनाव में पुनः बीजेडी-बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा और फतह हासिल की. हालांकि 2007 में कंधमाल जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद बीजेपी के साथ उनके रिश्तों में तल्खी आई. उसके बाद 2009 के चुनाव में बीजेपी ने उनका साथ छोड़ दिया. लेकिन नवीन का जादू बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद भी चला. बीजेडी ने लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनावों में भी भारी जीत हासिल की. उनकी पार्टी ने 21 लोकसभा सीटों में से 14 और 147 विधानसभा सीटों में से 103 सीटों पर जीत हासिल की.

2014 के लोकसभा चुनाव में जब पूरा देश मोदी लहर की पतवार पर सवार था. लेकिन ओडिशा में नवीन पटनायक की लोकप्रियता के आगे मोदी लहर बिल्कुल मृत हो गई. बीजेडी ने लोकसभा की 21 में से 20 सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं विधानसभा की 147 में से 117 सीटों पर जीत हासिल कर चौथी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभाला.

2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में फिर वही कहानी दोहराई गई. बीजेडी को विधानसभा की 122 सीटों पर फतह हासिल हुई और नवीन पटनायक ने लगातार 5वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. लगातार मिलती जीत का आंकड़ा ही उनके करिश्माई नेतृत्व की तस्दीक करता है.

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