कमलनाथ के 1 लाख लोगों की कोरोना से मौत के आरोपों पर भड़के नरोत्तम मिश्रा ने की इस्तीफे की मांग

राज्य में इस साल मार्च-अप्रैल में कुल 1,27,503 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,02,002 है, शिवराज सिंह चौहान इसका खंडन करें कि इस साल मार्च-अप्रैल में 1,27,503 शव राज्य के श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में नहीं आये- कमलनाथ, नरोत्तम मिश्रा की चुनौती- कमलनाथ उनके आरोपों के प्रमाण दें या फिर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा, आरोप सही निकले तो मैं दूंगा इस्तीफा, 1984 के दंगों के बाद जो सिखों की लाशें जो कमलनाथ ने गिनवाई थी, उसके बाद से उन्हें लाशें गिनने की आदत हो गई है

कोरोना से मौत के आरोपों पर भड़के नरोत्तम मिश्रा
कोरोना से मौत के आरोपों पर भड़के नरोत्तम मिश्रा

Politalks.News/MadhyaPradesh. देश भर में कोरोना के कहर के बीच राजनीति भी अपने चरम पर है. कभी कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीति हो रही है तो कभी ऑक्सीजन की कमी को मुद्दा बनाकर देश की राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही है, और अब जैसे-जैसे कोरोना के नए मामलों में कमी आने लगी है तो अब इस पर भी राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर कोरोना के आंकड़ों को छुपाने के आरोप लगा रही हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत के गम्भीर आरोप लगाते हुए असल आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है तो वहीं शिवराज सरकार में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ से उनके आरोपों के प्रमाण मांगे हैं और प्रमाण ना देने पर इस्तीफ़ा देने की मांग की है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को केन्द्र की मोदी सरकार एवं शिवराज सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में इस साल मार्च-अप्रैल में कुल 1,27,503 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,02,002 है. कांग्रेस के ऑनलाइन संवाददाता सम्मलेन में कमलनाथ ने चुनौती देते हुए कहा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका खंडन करें कि इस साल मार्च-अप्रैल में 1,27,503 शव राज्य के श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में नहीं आये हैं. जबकि, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक कोविड-19 बीमारी से मरने वालों की संख्या मात्र 7,315 है.

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यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मेरा भारत महान छोडिए, मेरा भारत कोविड‘ बन गया. कोविड-19 से होने वाली मौतों के बनावटी आंकड़े पेश कर हम पूरे विश्व को धोखा दे रहे हैं. कमलनाथ ने कहा, विश्व में भारतीय कोरोना का पर्याय बन गए हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारतीय कोरोना से डर रहे हैं.

वहीं देशभर में कोरोना महामारी के बाद तेजी से बाद ब्लैक फंगस का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘ब्लैक फंगस के मामले में भारत दुनिया की राजधानी बन गया है. और अब हम अब हम व्हाइट फंगस की राजधानी बनने जा रहे हैं. कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि, वह मौतों का आंकड़ा छिपा रही है. मैंने मुख्यमंत्री चौहान से व्यक्तिगत रूप से कहा है कि मुझे मरने वालों के आंकड़े दो. आप कोविड-19 से मौत किसे मानते हो? आप लाशें गिन लो इसमें एक दिन लगता है.

कमलनाथ ने आगे कहा कि पिछले तीन साल पहले कितने लोग मरते थे और आज कितने मर रहे हैं. इसी के औसत से पता चल जाएगा की प्रदेश में कितने लोग कोरोना से मरे है. पिछले दो महीनों में मध्य प्रदेश के 26 जिलों में हुई मौतों के बारे में अखबारों में छपा है. बाकी (26 जिलों के) के आंकड़े मैंने निकाले हैं कि कितनी लाशें गांव, पंचायत, कस्बों एवं शहरों के श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में पहुंची हैं. उन्होंने कहा, मैं लाशें गिन रहा हूं. 80 प्रतिशत लोग कोविड-19 से मर रहे हैं.

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कमलनाथ ने आगे कहा कि पिछले 10 दिन में प्रदेश के लिंघा गांव में 15 लोग मर गये. लेकिन कलेक्टर कह रहा है कि इस गांव में केवल दो लोग ही मरे. ये तो मैं अपने आंख एवं कानों से सुनकर आ रहा हूं. यही हालत मध्य प्रदेश के सारे गांवों में है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में महामारी से मरने वालों के लिए अनुग्रह राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की भी मांग की.

वहीं कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘भारत के लिए अपमानजनक शब्द सुनकर स्तब्ध और दुखी हुआ हूं. तय मानिये कि कमलनाथ के टूल किट से तार जुडे हुए हैं‘. मिश्रा ने आगे कहा कि, कमलनाथ आज बिना प्रमाण के कह दिया कि पिछले दो महीनों में 1,02,002 लोग मध्य प्रदेश में कोरोना से मरे . एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति भ्रम फैलाये, झूठ बोले और लगातार झूठ पर झूठ बोले, यह चिंता की भी बात है और निंदा की भी बात है. उनके पास आंकड़े हैं तो प्रमाण के साथ रखें.

प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर तंज कस्ते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि 1984 के दंगों के बाद जो सिखों की लाशें उन्होंने (कमलनाथ) गिनवाई थी, उसके बाद से उन्हें लाशें गिनने की आदत हो गई है. और उन्होंने कोरोना से मरे ला गिनवाई हैं तो उन्हें प्रमाण के साथ मीडिया के सामने रखना चाहिए. सिर्फ बात नहीं करना चाहिए.

नरोत्तम मिश्रा ने आगे चुनौती देते हुए कहा कि कमलनाथ बिना प्रमाण के जो आरोप लगा रहे हैं, या तो कमलनाथ उनके आरोपों के प्रमाण दें या फिर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें. मैं राज्यपाल महोदया से मांग करता हूँ कि इस मामले में उन पर 188 के तहत मामला दर्ज करें. यही नहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह भी कहा कि अगर आप (कमलनाथ) इस आरोपों के तथ्यात्मक प्रमाण रखोगे तो मैं इस्तीफा दूंगा.

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