Politalks.News/Rajasthan. देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू पश्चिमी राजस्थान के दौरे पर हैं. उपराष्ट्रपति नायडू ने IIT स्टूडेंट से संवाद के समय राजनीति का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि, ‘राजनीति में आने से पहले लोगों को शिक्षित होना चाहिए. उसके बाद सोशल सर्विस करनी चाहिए. भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आइआइटी) जोधपुर में जोधपुर सिटी नॉलेज एण्ड इनोवेशन क्लस्टर के उद्घाटन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) लैब के शिलान्यास के बाद आइआइटी सभागार में एक छात्र के सवाल के जवाब में देश के उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने छात्रों और युवाओं को राजनीति में आने का निमंत्रण दे दिया. नायडू ने कहा कि, ‘राजनीति, विचारधारा व मूल्य आधारित होनी चाहिए लेकिन वर्तमान में नेता ऐसे पार्टी बदल रहे हैं जैसे बच्चे कपडे बदलते हैं. केवल सत्ता के लिए पार्टी बदलना गलत है’.
वर्तमान में राजनीति मिशन नहीं कमिशन हो गई है- वेंकैया
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले कि, ‘संसद और विधानसभा में क्या होता है, आप लोग देखते ही हो, उनका स्तर गिर गया है. मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता क्योंकि मैं भी संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की अध्यक्षता करता हूं’. नायडू बोले, ‘राजनीति एक मिशन हुआ करती थी लेकिन कुछ लोगों ने इस मिशन को रेमिशन देते हुए ‘कमिशन’ में बदल दिया है, वर्तमान में क्या हो रहा है, राजनीति का स्तर कहां जा रहा है, हमने संसद और विधानसभाओं में देखा है. क्या स्थिति है, मैं इसका वर्णन नहीं करना चाहता हूं, लेकिन युवाओं को राजनीति में आना चाहिए, भले ही वह कोई भी पार्टी को ज्वाइन करें’.
‘कोई भी पार्टी जॉइन करो, उसके प्रति वफादार रहो’
उपराष्ट्रपति ने तीन छात्रों की ओर से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए. बीटैक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैदर अली कादरी ने युवाओं के राजनीति में आने के संबंध में प्रश्न पूछा. नायडू ने कहा कि, ‘युवा ऊर्जा से भरपूर व अप्रदूषित होते हैं उनके राजनीति में आने से देश का भविष्य बदल जाएगा. नायडू ने कहा कि, ‘पार्टी कोई भी जॉइन करो लेकिन उसके प्रति वफादार रहो’.
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‘शिक्षित होने के बाद सोशल सर्विस में उतरे, फिर आए राजनीति में’
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि, ‘भारतीय फिलोसॉफी में शेयर एंड केयर काम करता है. इसलिए राजनीति में आने से पहले लोगों को शिक्षित होना चाहिए और इसके बाद सोशल सर्विस करनी चाहिए. इसके बाद राजनीति में आना चाहिए. इसके लिए भी विचारधारा आवश्यक है. क्योंकि विचारधारा से ही प्रोग्राम निर्धारित होते हैं और हमारी वैल्यू तय होती है’.
राजनीति में आने के लिए चार ‘C’ जरूरी
उपराष्ट्रपति नायडू ने देश में गिरते राजनीतिक मूल्यों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि, ‘राजनीति में आने के लिए किसी में अंग्रेजी के चार C होने चाहिएं, करैक्टर, कैलिबर, कैपेसिटी और कांटेक्ट. जिसके पास ये चारों गुण होते हैं उसे राजनीति में आना चाहिए. लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें बदल दिया है, बदल कर इन्हें कास्ट, कम्युनिटी, केस और क्रिमिनलिटी कर दिया है’.
‘नई शिक्षा नीति से आप अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ेंगे’
आईटी की स्टूडेंट माधुरी ने उपराष्ट्रपति से पूछा कि, ‘देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है, उसे आप किस नजर से देखते हैं’. इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि, ‘नई शिक्षा नीति में सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है. खासतौर से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहें, हमारी विचारधारा बनी रहे और रोजगार मिले. हमारी संस्कृति बहुत अद्भुत है, हमारे विद्वानों ने जो चीजें दुनिया को दी हैं, अगर हम उनका सही अध्ययन करें, तो बहुत कुछ कर सकते हैं’.
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‘योग करें, फास्ट फूड का चलन बढ़ा मार्केटिंग से’
एक छात्रा ने पूछा कि, ‘महामारी के दौरान कई चीजों की कमी सामने आई है, अब रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए क्या होना चाहिए’. इस पर उपराष्ट्रपति ने जवाब में कहा कि, ‘महामारी का दौर है, रिसर्च भी हो रही हैं, सभी पर काम किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता स्वस्थ रहने की है, हम अपने शरीर को कैसे तंदुरुस्त रख सकते हैं, इसके लिए प्रतिदिन योग करें’. वेंकैया नायडू ने कहा कि, ‘फास्ट फूड का चलन मार्केटिंग की वजह से बढ़ा है, पिज़्ज़ा बर्गर और भी कई चीजें मार्केटिंग के प्रभाव में चल रहे हैं. हमें हमारे साउथ इंडियन, नॉर्थ इंडियन और हमारे पुरातन व्यंजन अपनाने चाहिए’. नायडू ने इस दौरान जोधपुर की प्याज की कचौरी का भी जिक्र किया.