पायलट को सवालों के कटघरे में खड़ा कर बाबूलाल नागर ने पढ़ी ‘गहलोत चालिसा’, सियासत गर्माना तय

ठहरे हुए पानी में कट्टर गहलोत समर्थक बाबूलाल नागर ने डाला पत्थर, प्रदेश की राजनीति में नागर के बयान से उबाल आना तय, पायलट पर दागे सवाल तो गहलोत की शान में पढ़े कसीदे, अब गहलोत कैंप के एक्शन पर पायलट कैंप के रिएक्शन का इंतजार, गहलोत के सिपहसालार और निर्दलीय विधायकों में मंत्री बनने की दौड़ में संयम लोढ़ा के बाद दूसरे नम्बर पर हैं नागर

नागर ने पायलट को सवालों के कटघरे में खड़ा कर पढ़ी 'गहलोत चालिसा'
नागर ने पायलट को सवालों के कटघरे में खड़ा कर पढ़ी 'गहलोत चालिसा'

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट को एक साल पूरा हो गया है. पायलट कैंप की बगावत को एक साल हो गया है संकट के एक महीने के बाद सुलह भी हो गई, लेकिन एक साल से हालात जस के तस बने हुए हैं. कांग्रेस में अंदरुनी खींचतान अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच शह-मात का खेल जारी है. कुछ दिनों की खामोशी के बाद एक बार फिर बयानबाजी की पहल गहलोत कैंप की औऱ से हुई है. गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर सीधा निशाना साधा है. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शान में कसीदे भी पढ़ें हैं. बता दें नागर निर्दलीय विधायकों में से मंत्री बनने की दौड़ में सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बाद दूसरे नम्बर पर हैं. वहीं, माकन के दौरे के बाद से दोनों ही खेमों में बयानबाजी का दौर थमने के बाद लगने लगा था कि सुलह की राह पर है कांग्रेस का झगड़ा, लेकिन निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर का ये बयान फिर से बयानबाजी सैलाब शुरू करने वाला है.

दूदू से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि, ‘बीजेपी की वसुंधरा सरकार के खिलाफ जैसा माहौल था उसमें कांग्रेस की 150 सीटें आ रही थीं, आज जो लोग मेहनत करके सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं वे बताएं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 150 सीटें आनी थीं, वह 99 पर ही क्यों सिमट गई? जीतने वाले लोगों के टिकट काटकर जमानत जब्त होने वाले लोगों को टिकट किसने दिए, किसी को आगे लाने की होड़ में कांग्रेस का नाश कर दिया, ऐसे नेताओं को हाईकमान से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने कांग्रेस को 150 की जगह 99 पर लाकर छोड़ दिया‘.

निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने नाम लिए बिना सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा- ‘राजस्थान के विधायक गहलोत को पसंद करते हैं, 13 निर्दलीय लड़े हैं उनमें से 10 से 11 लोग वे हें जो कांग्रेस के मंत्री विधायक रहे, जो निर्दलीय जीतने के बाद भी कांग्रेस को अपनी मां कहते हैं उनके भी टिकट काट दिए‘.

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विधायक गहलोत के हैं साथ इसलिए आलाकमान ने बनाया मुख्यमंत्री- नागर
बाबूलाल नागर ने कहा कि, ‘मेरा तीन बार का अनुभव है, जब जब मुख्यमंत्री का निर्णय करने की बारी आती है तो हाईकमान पर्यवेक्षक भेजता है और विधायक दल की बैठक करके एक एक विधायक का पक्ष जानते हैं. हर विधायक की राय के बारे में हाईकमान को अवगत कराते हैं. 80 से 90 फीसदी विधायक अशोक गहलोत के साथ हैं, 2018 में भी यही हुआ था. विधायकों का बहुमत अशोक गहलोत के साथ है इसीलिए हाईकमान ने उन्हें सीएम बनाया है. हाईकमान के विश्वास के साथ विधायकों का विश्वास भी गहलोत के साथ है. 2020 से कोरोना का दौर चल रहा है, ऐसे वक्त में जब तीसरी लहर कर आशंका है, हमारा पहला फोकस मंत्रिमंडल पुनर्गठन की जगह कोरोना से लड़ने पर होना चाहिए’.

सचिन पायलट का आलोचक नहीं, राजेश जी मेरे आदर्श- नागर
यह नहीं बाबूलाल नागर ने आगे यह भी कहा कि, ‘मैं सचिन पायलट जी का आलोचक नहीं हूं, राजेश पायलट को आदर्श मानता हूं, उनका प्रशंसक हूं, ऐसा ही कोई जादू है तो आपने एमपी का चुनाव लड़ा था तो खुद नहीं जीत पाए थे, इसलिए कोई गलतफहमी पालकर नहीं बैठें, एक नेता के बूते पर नहीं सबको साथ लेकर चलने से और कार्यककर्ताओं की मेहनत से ही सरकार बनती है, हम जब हाफ पेंट पहनकर घूमते थे तब गहलोत कांग्रेस का झंडा उठाए घूमते थे, गहलोत राजस्थान ही नहीं देश की कांग्रेस की धरोहर हैं’.

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गहलोत राजस्थान ही नहीं पूरे देश की कांग्रेस के धरोहर- नागर
पायलट खेमे की मांगों पर तंज कसते हुए नागर ने कहा कि, ‘कुछ निर्णय कांग्रेस हाईकमान को तत्काल लेने होते हैं, ऊपर से संतुष्ट करने की नीति अपनाई. अशोक गहलोत राजस्थान ही नहीं पूरे देश की कांग्रेस के धरोहर हैं. हम जब हाफ पेंट पहनकर घूमते थे तब अशोक गहलोत कांग्रेस का झंडा लेकर घूमते थे. उन्हें देखकर हम कांग्रेस में आए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहलोत से ज्यादा जानने वाला, परखने वाला और चाहने वाला कोई नेता नहीं है. उनकी तुलना का कोई नेता नहीं है. जैसे बीजेपी में स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत के बराबर कोई नेता नहीं था, वैसे ही कांग्रेस में अशोक गहलोत के बराबर कोई नेता नहीं है.

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निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर कांग्रेस के पुराने नेता हैं. साथ ही अशोक गहलोत की पिछली सरकार में नागर मंत्री भी थे और नागर सीएम गहलोत से खास सिपहसालार माने जाते हैं. नागर पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था उसके बाद इन्हें जेल भी जाना पड़ा था लेकिन कोर्ट ने अंत में नागर के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद जब सचिन पायलट पीसीसी चीफ थे बाबूलाल नागर का दूदू से विधानसभा का टिकट काटा गया था. कांग्रेस की ओर से टिकट नहीं मिलने के बाद नागर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की. नागर का टिकट कटने पर सभी को हैरानी भी हुई थी. बता दें की अशोक गहलोत के सीएम बनने के बाद सबसे पहले गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में नागर का भी नाम है. आने वाले समय में होने वाली मंत्रिमंडल विस्तार में निर्दलीय विधायकों में से नागर को भी मंत्री पद मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है. वहीं अब नागर के इस बयान के बाद कांग्रेस और प्रदेश की राजनीति में उबाल आना तय माना जा रहा है. अब इंतजार इस बात का है कि नागर के बयान पर पायलट कैंप की ओर से कब पलटवार किया जाएगा?.

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