बीते कुछ दिन सपा सांसद आजम खान (Azam Khan) के लिए सही नहीं निकले. पिछले एक महीने में रामपुर सांसद (Rampur MP) पर जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मामलों में 27 से अधिक मुकदमे दायर हो चुके हैं. हाल में जौहर यूनिवर्सिटी (Johar university) में चोरी की किताबे मिलना भी चर्चा में रहा. लोकसभा में बीजेपी सांसद पर विवादित टिप्पणी और अपने पुत्र के फर्जी दस्तावेज पेश करने का मामला भी सुर्खियों में रहा. ऐसे मुश्किल समय में समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) खुद आजम खान के समर्थन में उतर आए.
पूरे दो साल बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मीडिया के सामने अपने पुराने दोस्त आजम खान का खुलकर समर्थन किया. इस दौरान मुलायम कई बार भावुक होते नजर आए. प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आजम एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं जिन्होंने ज़िन्दगी भर मेहनत की. बहुत मेहनत के बाद छात्रसंघ (Students Union) के नेता बने. उन पर मात्र 2 बीघा जमीन के लिए 27 मामले दर्ज कराए गए हैं. एक ही गाटा संख्या पर कई मामले दर्ज हैं. ग़रीबों की लड़ाई लड़ने वाले आज़म कैसे ज़ालिम हो सकते हैं? मुलायम ने कहा कि आजम खान को जिस तरह बदनाम किया जा रहा है, उसके खिलाफ मैं और पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल होंगे.
यूनिवर्सिटी मामले पर यादव ने कहा, ‘हमारे साथी आजम खान सारी जिंदगी मेहनत कर और देश-विदेश के मित्रों से चंदा लेकर जौहर यूनिवर्सिटी बनाई. यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए सैंकड़ों बीघा ज़मीन खरीदने वाला इंसान डेढ़—दो बीघा जमीन की बेईमानी नहीं कर सकता’.
गौरतलब है कि आजम खान पर 27 से अधिक मामले अलग-अलग दफाओं में दर्ज हैं. उन्होंने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी जो खारिज हो गई. माना जा रहा है कि पुलिस आजम खान को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है. आजम खान पर भैंस चोरी से लेकर मदरसे की किताबें चोरी करने, शेर की मूर्तियां चोरी करने और जमीन कब्जाने के आरोप लग चुके हैं.
बता दें, मुलायम सिंह यादव और आजम खान की दोस्ती 33 साल पुरानी है. 1992 में जब मुलायम ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) बनाई, तब से आजम खान उनके साथ रहे हैं. आजम खान खुद भी कई बार कह चुके हैं कि उनकी सियासत मुलायम सिंह तक ही है. मुलायम परिवार में मचे घमासान के दौरान आजम खान ने मुलायम यादव के लिए ही शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बदले अखिलेश यादव का साथ दिया. आजम खान का पार्टी में एक बड़ा रूतबा आज भी कायम है. आजम के समर्थन में समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने पिछले ही महीने सड़कों पर प्रदर्शन किया था. लोकसभा में भी आजम खान के समर्थन में खुद अखिलेश यादव सदन का बहिष्कार कर बाहर निकले गए थे.