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मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट बीजेपी ने जारी कर दी है. इसमें 15 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है जिनमें पांच वर्तमान सासदों के टिकट कटे हैं. उज्जैन लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद चिंतामणी मालवीय का टिकट काटकर अनिल फिरोजिया को दिया गया है जबकि सीधी से रीती पाठक को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है. लिस्ट आने के साथ ही पार्टी में अब बगावत के साथ-साथ विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैंं.

उज्जैन में अनिल फिरोजिया का विरोध
उज्जैन-आलोट से सांसद चिंतामणि मालवीय का टिकट काट अनिल फिरोजिया को उम्मीदवार बनाए जाने का भी जमकर विरोध हो रहा है. अखिल भारतीय बलाई समाज महासंघ ने भाजपा की ओर से लिए गए इस निर्णय पर आपत्ति लेते हुए इसे बलाई समाज का अपमान बताया है. महासंघ ने कहा है कि जब मालवीय पिछली बार बड़े अंतर से जीते थे तो फिर किस आधार पर उनका टिकट काटकर विधानसभा चुनाव में हारे व्यक्ति को टिकट दे दिया गया.

बता दें कि संसदीय क्षेत्र में प्रमुख रूप से बलाई समाज, रविदास समाज, वाल्मीकि समाज व बैरवा समाज का बाहुल्य है. सालों तक भाजपा ने रविदास समाज को प्रतिनिधित्व दिया, लेकिन पिछली बार बलाई समाज के चिंतामणि मालवीय को टिकट दिया.  इस बार इन जातियों में से किसी को मौका नहीं मिला. अब पार्टी देवास-शाजापुर आरक्षित सीट पर जातियों के बीच संतुलन बनाकर सभी वर्गों को साधने की जुगत में लगी हुई है.

सीधी में रीता पाठक से कार्यकर्ता नाराज
बीजेपी ने सीधी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद रीती पाठक पर भरोसा जताया है. लेकिन स्थानीय स्तर पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पाठक को टिकट मिलने से नाराज भाजपा जिलाध्यक्ष कान्तिशीर्ष देव सिंह उर्फ राजा साहब ने पार्टी पर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफा देने के बाद जिला भाजपा के कई पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. हालांकि पार्टी ने डेमैज कंट्रोल करने का प्रयास करते हुए किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं किया और उन्हें मनाने में कामयाब हो गई.

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