एमपी उपचुनाव: ‘गद्दार-वफादार’ जैसे बयानों के बीच गौण हुए स्थानीय मुद्दे, तेज हुई ओछी बयानबाजी

चुनावी रैलियों/सभाओं में बेतुकी बयानबाजी का दौर हुआ तेज, हालिया बयान में कांग्रेस नेता ने सीएम शिवराज को बताया भूखा नंगा तो मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए कमलनाथ', विकास की कोई नहीं कर रहा बात

Madhya Byelection 2020
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Politalks.News/MP. मध्यप्रदेश उपचुनाव को अब ज्यादा समय नहीं रह गया है लेकिन उससे पहले प्रदेश में बयानबाजी का दौर काफी तेज हो गया है. 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की सभी गोटियां फिट हो गई हैं लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि इन बयानबाजी के बीच स्थानीय मुद्दे गौण होते जा रहे हैं. यहां की चुनावी रैलियों में भी कांग्रेस और बीजेपी के नेता अपने भाषणों में एक दूसरे पर छीटाकशी करते नजर आ रहे हैं जबकि बात स्थानीय मुद्दों की होनी चाहिए. छोटे मोटे नेता छोड़िए, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व सीएम कमलनाथ और बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे आला दर्जे के नेताओं का भाषण भी आरोप प्रत्यारोप के इर्द गिर्द ही घूम रहे हैं.

भाजपा नेता जहां चुनावी सभाओं, कार्यकर्ता बैठकों में एक ही बात दोहरा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके समर्थक मंत्रियों-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान हुआ इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ी. वहीं कांग्रेस भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है. कुल मिलाकर दोनों ही दल एक दूसरे गद्दार और खुद को वफादार कह रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच जनता के मूल मुद्दों को भुला दिया गया है. किसी भी दल के स्टार प्रचारक और प्रत्याशी मूल मुद्दों पर बात ही नहीं कर रहा है.

ये बयानबाजी राजनीति से जुड़ी हो तो समझ भी आता है लेकिन ये बयानबाजी गद्दार वफादार से भी काफी उपर घटिया लेवल तक पहुंच गई है. अब तो चुनावी सभाओं में भी नेता अपनी हदें पार करते दिखाई देते हैं.

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हालिया घटना का जिक्र करें तो मुरैना वि.स.सीट से कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया. मुरैना में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने कहा, ‘शिवराज तो भूखे-नंगे घर से पैदा हुए हैं. हमारे कमलनाथ देश के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति हैं.’ अब कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी नेता चुप बैठ जाएं, ऐसा तो हो नहीं सकता. पलटवार करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बयान को कांग्रेस की मानसिकता बताते हुए कहा, ‘कमलनाथ वे तो चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. गरीब और गरीबी को वे क्या समझेंगे.’

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अपनी बयानबाजी को जारी रखते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा, ‘कांग्रेस जिंदगीभर गांधी परिवार के आगे घुटने टेकती आई है. उन्हें गरीबी या गरीबों से कोई लेना देना नहीं है. जनता की पीड़ा वही समझ सकता है जो जनता के बीच से गया हो. चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाले पीढ़ा नहीं समझ सकता. कांग्रेस हमेशा विधायक, महिलाओं का अपमान करती आई है. कमलनाथ के बड़े उद्योग पति होने से कुछ लाभ नहीं हुआ. हमारे लिए तो जनता ही भगवान और जनार्दन हैं. अपने आराध्य के सामने घुटने टेकने में क्या गलत है.’

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सोमवार को हुई एक चुनावी सभा में कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को झूठा अभिनेता बताया. उन्होंने कहा कि सिंधिया की एक्टिंग के आगे तो शाहरूख खान और सलमान खान भी फीके रह जाएंगे. पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि राजनीति छोड़ सिंधिया फिल्मों में चले जाएं, कम से कम मध्यप्रदेश का नाम तो होगा.

इससे पहले गद्दार और वफादार बयानबाजी भी उपचुनाव में काफी चर्चा में रही है. कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य 25 बागी विधायकों पर गद्दार होने का आक्षेप लगा रहे हैं. सिंधिया पर तो देश के साथ धोखा करने का तक आरोप लग चुका है. हाल में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीतू पटवारी ने कहा था कि सिंधिया परिवार में ही गद्दारी भरी हुई है. सिंधिया परिवार ने ही झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को मरवाया था. इन बयानों पर सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को कई बार गद्दार कहा है. जीतू पटवारी ने तो सिंधिया की जेब में बिच्छु तक होने का जुमला कहते हुए सिंधिया को भूमि माफिया तक कह दिया.

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एक और ताजा बयान का जिक्र करें तो प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूर्व सीएम कमलनाथ को कुंए का मेंढक और सभी कांग्रेस नेताओं को बेरोजगार बताया था. मंत्री पटेल ने आगे कहा कि अब सभी कांग्रेसी कमलनाथ के साथ छिंदवाड़ा जाकर बैंड बजाने और ढोर चराने की ट्रेनिंग लेकर अपनी बेरोजगारी को दूर करें. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कमलनाथ किसानों के रुपयों पर नाग की तरह बैठे थे.

आम सभाओं में छाया रहा स्थानीय मुद्दों की जगह अपमान का मुद्दा

प्रदेश में लियर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी में शामिल करने का मुद्दा हो या मुरैना की कैलारस शुगर मिल को चालू कराने और चंबल वाटर प्रोजेक्ट की विस्तृत रूपरेखा तय करने का मामला, भांडेर में सोलर पाॅवर प्लांट और भिंड के मेहगांव-गोहद में पीने का पानी व सिंचाई संकट, शिवपुरी के करैरा में सोनचिरैया अभयारण्य व करैरा नगर की जलावर्धन योजना, पोहरी में अजवाइन प्रोसेसिंग यूनिट जैसे बड़े मुद्दों को भी पूरी तरह भुला दिया गया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा समेत अन्य बड़े नेताओं ने अभी तक जितनी भी जनसभाएं और कार्यकर्ताओं की बैठक ली, उनमें सिंधिया व उनके समर्थक मंत्री-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान का मुद्दा छाया रहा. उधर, कांग्रेस नेता हर सभा में बीजेपी द्वारा कांग्रेस की चुनी हुई कमलनाथ सरकार को खरीद-फरोख्त और धनबल से गिराने के आरोपों से बाहर ही नहीं आ पा रहे.

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