Politalks.News/Bharat. कमजोर पड़ चुकी कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए अब संसद के मानसून सत्र के जुलाई के दूसरे हफ्ते में बुलाए जाने के सम्भावना तेज हो गई है. 17वीं लोकसभा के 2 साल पूरे होने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मानसून सत्र बुलाने के संकेत देते हुए कहा, ‘मैं खुद सत्र बुलाने के पक्ष में हूं. कोरोना के पीक टाइम में भी सत्र बुलाया था. अभी कोरोना कमजोर जरूर पड़ा है लेकिन पूरी तरह गया नहीं है, पूरी सजगता और सावधानी बरतनी होगी.’ सूत्रों की मानें तो चर्चा यह है कि 15 जुलाई से 13 अगस्त के बीच मानसून सत्र बुलाया जा सकता है. मीडिया को सम्बोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद का सत्र बुलाने के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी फैसला लेती है. बिरला ने कहा कि 2 साल के कार्यकाल में आधा समय कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा, फिर भी सभी दलों के सहयोग से संसद सत्र चलाया गया.
दोनों सदन और सभी दलों की मांग के बाद शुरू हुआ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन निर्माण को लेकर विपक्ष के आरोपों के जवाब में ओम बिरला ने कहा कि नई बिल्डिंग बनाने के बारे में दोनों सदनों ने सरकार से मांग की थी. 100 साल पुराने इस संसद भवन के प्रति हमारी आस्था हमेशा रहेगी. इस सदन ने कई ऐतिहासिक फैसले किए गए हैं. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह संसद भवन सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है इसलिए अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नए भवन की आवश्यकता महसूस की गई. सभी दल और सदस्यों की मांग पर सरकार ने नए संसद भवन के निर्माण का काम शुरू किया था. संसद भवन निर्माण को लेकर किसी भी दल या सदस्य ने ना कभी विरोध किया और ना आपत्ति नहीं जताई और कोई न कोई पत्र लिखा. किसी भी विषय पर सबको अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन किसी राजनीतिक आरोपों पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता.
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एलजेपी मामले में न्यायपूर्ण तरीके से किया गया काम
एलजेपी में मचे घमासान के बाद संसदीय दल का नेता बदले जाने के सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एलजेपी के मुख्य सचेतक ने हमसे कहा कि हमारे दल में यह फैसला हुआ है. सदन में किस दल का कौन नेता होता है उस पार्टी के मुख्य सचेतक लोकसभा सचिवालय को जानकारी देता है. उनका अपना राजनीतिक विषय है, हमारा नहीं. हमने न्यायपूर्ण तरीके से काम किया है. कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं है. इससे पहले बीएसपी के मामले में भी इससे भी जल्दी फैसला लिया गया था.
टीएमसी के दो सांसदों के बीजेपी जॉइन करने पर ममता बनर्जी ने ऑब्जेक्शन किया इस सवाल पर ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा सचिवालय ऐसे मामले की जांच करता है और दोनों पक्षों को सुना जाता है. इसके लिए एक कमेटी होती है जो दोनों पक्षों को सुनकर फैसला करती. सभी दल और सदस्यों को लोकसभा सचिवालय में अपनी बात रखने का अधिकार है.
इसके साथ ही चार सांसदों के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए पेंडिंग फाइल के सवाल के जवाब में ओम बिरला ने कहा कि हमने विधि विशेषज्ञों की राय ली है, लेकिन राय अलग-अलग होने के कारण अभी तक फैसला नहीं किया जा सका. अभी विशेषज्ञ पता कर रहे हैं कि मामला लोकपाल का है या लोकसभा सचिवालय का, एक राय होने पर जल्दी फैसला कर लिया जाएगा.
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वहीं कोरोनाकाल में सांसदों के गायब रहने के सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी सांसदों ने अपने-अपने तरीके से जनता की मदद की है. फिर भी हमने सभी सांसदों से कोरोना काल के दौरान किए गए कार्यों की रिपोर्ट मंगवाई है. सबकी रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि किसने क्या काम किया. सांसदों के एमपी लेड को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बिरला ने कहा कि यह काम सरकार का है. सांसद कोटे में कब कितना धन जारी करना है.
राम मंदिर निर्माण जमीन घोटाले की चर्चा संसद में हो सकती है के सवाल के जवाब में ओम बिरला ने कहा कि संसद के नियमों के मुताबिक सभी विषयो पर चर्चा की जाती है. अगर संसद सत्र में इस विषय पर चर्चा के लिए कोई सुझाव आएगा तो जरूर संसदीय नियमों के अनुसार चर्चा की जाएगी.
2 साल में 400 करोड़ की बचत की
इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि सरकारी खर्चों में कमी की जाए, इस पर लोकसभा सचिवालय ने पूरी तरह अमल करते हुए सरकारी खर्चे कम करने के लिए कई उपाय किए गए. पिछले 2 वित्तीय वर्षों में करीब 400 करोड़ रुपए की बचत की है. बिरला ने कहा कि 2019-20 में 151 करोड़ और 2020-21 में 249 करोड़ रुपए की बचत की गई.