Politalks.News/Delhi. पेगासस जासूसी मामले को लेकर तमाम विपक्ष एक जुट दिखाई दे रहा है. चाहे संसद में चल रहा मानसून सत्र हो या फिर सदन के बाहर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. एक ओर जहां विपक्ष केंद्र सरकार से पेगासस मामले पर चर्चा चाहती है तो वहीं मोदी सरकार विपक्ष के हंगामे को देश विरोधी बता रहा है. वहीं बीजेपी के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव एवं वर्तमान हालातों को लेकर की जा रही मोर्चेबंदी को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरप्पा मोइली ने विपक्षी दलों को महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा कि केवल मोदी का विरोध कर के विपक्ष को सफलता नहीं मिलेगी. इसके लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की जरुरत है ताकि इस पुरे मसले पर चर्चा की जा सके और मोदी सरकार को घेरा जा सके.
संसद में चल रहे मानसून सत्र का आज 8 वां दिन भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया. पेगासस जासूसी काण्ड, बढ़ती महंगाई, एवं किसान आंदोलन को लेकर लगातार सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर है. वहीं काफी दिनों से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर देश के प्रमुख विपक्षी दल एक जुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ योजना बना रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में मोदी शाह की जोड़ी को पटखनी देने वाली ममता बनर्जी विपक्षी दल की नेता होगी. अब इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि केवल मोदी विरोधी एजेंडे से विपक्षी मोर्चे को भाजपा का मुकाबला करने में सफलता नहीं मिलने वाली.
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2024 में विपक्ष के चेहरे को लेकर वीरप्पा मोइली ने कहा कि यदि विपक्षी दल केवल इस बात को लेकर चर्चा करते रहेंगे कि किस नेता या राजनीतिक संगठन को विपक्षी मोर्चेबंदी की अगुवाई करनी चाहिए तो ऐसा मोर्चा कभी भी कामयाब नहीं होगा. मोइली ने आगे कहा कि विपक्षी दलों को अभी नेतृत्व को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए. यदि वे यह चर्चा शुरू कर रहे हैं कि कौन विपक्षी गठबंधन का नेता बनेगा किस राजनीतिक पार्टी को इसकी अगुवाई करनी चाहिए तो यह कामयाब नहीं होगा.
वीरप्पा मोइली ने ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे और ममता की सोनिया गांधी, एवं अन्य विपक्षी पार्टियों के प्रमुखों से मुलाकात का स्वागत किया. मोइली ने आगे कहा कि कुछ वर्गों में यह आम धारणा बन गई है कि केवल मोदी विरोधी भावना विपक्षी दलों को एक साथ ला रही है. ऐसी चीजे किसी को भी दिखाई नहीं देनी चाहिए. विपक्ष को सलाह देते हुए मोइली ने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष का विरोध किसी भी राजनीतिक मोर्चे को आगे लेकर नहीं जाएगा.
मोइली ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी के समय भी विपक्षी दलों ने यही किया था और उस वक़्त विपक्ष इसी वजह से कामयाब नहीं हो पाया. मोइली ने कहा कि विपक्ष का एजेंडा निजी मुद्दों पर आधारित नहीं होना चाहिए. एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम के बिना विपक्षी मोर्चा सफल नहीं होगा. एक प्रमुख विपक्ष का ध्यान राष्ट्रीय चर्चा, लोकतंत्र, और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखते हुए देश को आगे ले जाने पर केंद्रित होना चाहिए. यह चर्चा सरकार के नकारात्मक एजेंडे के खिलाफ होनी चाहिए. विपक्ष को नसीहत देते हुए मोइली ने कहा कि विपक्षी मोर्चे में किसी भी पार्टी को किसी भी दल के शामिल होने का विरोध नहीं करना चाहिए.