Politalks.News. कोरोना काल के बीच केंद्र सरकार के कुछ कार्यों पर विराम सा लग गया था लेकिन जैसे जैसे समय बीत रहा है, मोदी सरकार फिर से एक्शन में आ रही है. एक बार फिर मोदी सरकार भ्रष्ट और अयोग्य सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी में है. इसको लेकर मोदी सरकार ने ऐसे सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने के निर्देश भी दे दिए हैं. अगर जांच में कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर ऐसे आरोप साबित होते हैं तो उन्हें जबरन सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार से मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने टवीट कर इस बात की जानकारी दी है.
जैसाकि बताया गया है, देश की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर राहुल गांधी सोमवार को एक वीडियो जारी करने वाले हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी अर्थव्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं पर बात करेंगे. राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. कांग्रेस नेता ने रविवार को एक टवीट कर लिखा, ‘देखिए मेरी वीडियो श्रृंखला कि मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट किया. मेरे सभी सोशल मीडिया चैनलों पर पहला वीडियो कल सुबह 10 बजे.’
Watch my video series on how the Modi Govt has destroyed Indian economy.
First video tomorrow at 10am on all my social media channels.
देखिए मेरी वीडियो श्रृंखला कि मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट किया।
मेरे सभी सोशल मीडिया चैनलों पर पहला वीडियो कल सुबह 10 बजे। pic.twitter.com/AZBhObLxop
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2020
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राहुल गांधी इससे पहले भी कई वीडियो जारी कर चुके हैं. कोरोना को देखते हुए राहुल गांधी वीडियो के जरिये लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं. राहुल गांधी ने एक वीडियो सीरीज़ में चीन के मुद्दे को भी देशवासियों के समक्ष प्रमुखता से उठाया था. वीडियो में राहुल गांधी अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से बात करते हैं और समस्याओं के समाधान पर मंथन करते दिखाई देते हैं. इन्हीं वीडियो सीरीज़ में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे.
वहीं दूसरी ओर, मोदी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्ट और अयोग्य सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. इसको लेकर मोदी सरकार ने ऐसे सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने के निर्देश भी दे दिए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच करने वाली है. इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं. नियमों के मुताबिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों वाले सभी केंद्रीय कर्मचारियों की गहनता से जांच की जाएगी. जांच में जो भ्रष्ट एवं अयोग्य पाए जाते हैं, उन्हें सेवानिवृत्त होने के लिए कहा जाएगा. इसको लेकर एक रजिस्टर भी तैयार करने के लिए कहा गया है.
भ्रष्टचार नियंत्रण की दिशा में काम कर रही केंद्र सरकार ने इसके लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केंद्र सरकार ने सरकारी सेवा में 30 साल पूरे कर चुके या 50-55 साल की उम्र के सरकारी कर्मचारियों की सेवा रिकॉर्ड के साथ साथ अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए कहा है.
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केंद्र सरकार का कहना है कि सर्विस रिकॉर्ड जांच के बाद तय किया जाएगा कि वो सही से काम कर रहे हैं या उन्हें लोकहित में समय से पहले रिटायर किया जाए. वहीं कार्मिक मंत्रालय ने सभी सचिवों से इसके लिए एक रजिस्टर तैयार करने को कहा है जिसमें यह सारी जानकारी दर्ज की जाए.
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों को रिटायर करने पर भी जोर दे रही है. इसके तहत दो बार ऐसी कार्रवाई पिछले साल भी की गई थी और करीब 55 केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया गया था.