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लोकसभा चुनाव के रण में भाजपा की ओर से जारी पहली सूची में अजमेर से भागीरथ चौधरी का नाम आने के बाद से जिले की राजनीति में खलबली मची हुई है. किशनगढ़ से दो बार विधायक रहे चौधरी को पार्टी ने चंद महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में बेटिकट रखा था. कहा गया कि उनके खिलाफ लोगों में नाराजगी है, लेकिन चार महीने बाद उन पर भाजपा ने फिर भरोसा जताया है.

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भागीरथ चौधरी की जगह युवा नेता विकास चौधरी को मैदान में उतारा था, लेकिन वे जीत दर्ज नहीं कर पाए. यह सीट भाजपा के बागी सुरेश टांक के खाते में गई. चुनाव के बाद हुई समीक्षा में विकास चौधरी ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भागीरथ चौधरी पर उनके खिलाफ काम करने की​ शिकायत दी. इस पर कोई कार्रवाई करने की बजाय उल्टा उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना दिया.

भागीरथ चौधरी को टिकट मिलने के बाद विकास चौधरी खेमा सक्रिय हो गया है. वहीं, किशनगढ़ विधायक ने भी चौधरी के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार टांक कांग्रेस के संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी का हाथ थाम सकते हैं. बता दें कि विधायक बनने से पहले किशनगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन रह चुके सुरेश टांक पिछले दो विधानसभा चुनावों से भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया.

पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं ​मिलने से मायूस होने की बजाय सुरेश टांक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में ताल ठोकी. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को पटकनी देते हुए शानदार जीत दर्ज की. उनके कांग्रेस में पाले में जाने की अटकलों ने भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है. पार्टी के दिग्गज नेता उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.

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इस उठापटक को किनारे कर अजमेर सीट के समीकरणों पर गौर करें तो भाजपा भागीरथ चौधरी के रूप में जाट कार्ड खेलकर चुनाव जीतना चाहती है. 2014 के चुनाव में भी भाजपा ने यही प्रयोग किया था. तब प्रो. सांवरलाल जाट ने सचिन पायलट को पटकनी दी थी. हालांकि प्रो. जाट के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके पुत्र रामस्वरूप लांबा को टिकट दिया था, लेकिन कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा के सामने उनकी दाल नहीं गली.

अब भाजपा ने यहां से फिर जाट कार्ड खेला है. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. पार्टी के पास यहां तीन विकल्प हैं. पहला उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले डॉ. रघु शर्मा को फिर से प्रत्याशी बनाया जाए. दूसरा अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी को भागीरथ चौधरी के सामने उतारा जाए और तीसरा कोई नया प्रयोग किया जाए.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस डॉ. रघु शर्मा को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है. हालांकि अजमेर के कांग्रेसी भीलवाड़ा के उद्योगपति रिजू झुंझुनवाला का नाम तय मानकर बैठे हुए हैं. बता दें कि झुंझुनवाला पूर्व मंत्री बीना काक के करीबी रिश्तेदार हैं और पिछले कुछ समय से अजमेर जिले में काफी सक्रिय हैं.

अजमेर सीट पर ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका अंदाजा तो कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में आने के बाद ही लगाया जा सकेगा. फिलहाल तो भागीरथ चौधरी को भाजपा का टिकट मिलने का ​मुद्दा ही यहां की राजनीति में छाया हुआ है.

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