विधायक इंदिरा मीणा ने डोटासरा को लिया आड़े हाथ, पूछा- कितने चक्कर लगाने पड़ेंगे आपके बंगले के?

जब विधायकों द्वारा उठाई गई जनता की समस्याओं का समाधान ही नहीं हो तो फिर जनसुनवाई का क्या फायदा- इंदिरा मीणा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मंत्रियों के चक्कर लगाने के बावजूद भी विधायकों के काम नहीं होने की पीड़ा की जाहिर

1b84cca2 9761 47a6 924f 686b7c3157dc 1024x5761
1b84cca2 9761 47a6 924f 686b7c3157dc 1024x5761

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक तरफ पंचायत व जिला परिषद के चुनाव परिणामों में कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है तो वहीं सवाईमाधोपुर जिले के बामनवास से कांग्रेस की विधायक इंदिरा मीणा ने अपनी ही पार्टी और गहलोत सरकार को बड़ा झटका दे दिया है. इंदिरा मीणा ने मंगलवार को अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अशोक गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ काम नहीं करने वाले मंत्रियों पर निशाना साधा. विधायक इंदिरा मीणा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मंत्रियों के चक्कर लगाने के बावजूद भी विधायकों के काम नहीं होने की पीड़ा जाहिर की.

विधायक मीणा ने कहा कि सरकार में कई मंत्री विधायकों के काम नहीं करते, वो उनकी समस्याओं की भी सुनवाई नहीं करते. इंदिरा मीणा ने कहा कि हमारे इलाके के लोगों की समस्याओं को कई बार बताने के बावजूद मंत्री काम नहीं करते. इंदिरा मीणा ने बताया कि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों की जनसुनवाई शुरू करने की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह रहे थे, मैंने डोटासरा से कल वाजिब सवाल किया कि जब विधायकों द्वारा उठाई गई जनता की समस्याओं का समाधान ही नहीं हो तो फिर जनसुनवाई का क्या फायदा. इंदिरा मीणा ने कहा, जब विधायक जनता द्वारा की गई शिकायतों को लेकर मंत्री के पास जाएं और उसका समाधान हो, तभी जनसुनवाई का मतलब है, वरना क्या फायदा.

यह भी पढ़ें: सरकार के खिलाफ आवाज उठाना देशद्रोह नहीं, लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का है प्रतीक- गहलोत

दरअसल, बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट और ट्वीट कर के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा. मीणा ने लिखा कि, एक सवाल शिक्षा मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से पूछना चाहूंगी कि जनता की समस्याओं को बताने के बाद, कोराना काल में कितनी बार आपके बंगले पर आना पड़ेगा, और इसके बाद भी क्या यह निश्चित है कि काम होंगे या उनके द्वारा दी गई चिट्ठी-पत्री को कचरा पात्र (डस्टबिन) में डाल दिया जाएगा?

Leave a Reply