CAA और NRC जांच दल समझ कर कोरोना वॉरियर्स के साथ जयपुर में बदसलूकी, जांच फॉर्मेट फाड़े

कोरना की जांच करने गए चिकित्सकीय दल के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने CAA और एनआरसी का जांच दल समझकर की बदसलूकी, डॉक्टर्स ने की सुरक्षा की मांग

रामगंज
रामगंज

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना के सबसे ज्यादा 25 पॉजिटिव मामलों के साथ भीलवाड़ा पहले नम्बर पर है तो वहीं 10 कोरोना पॉजिटिव मामलों के साथ जयपुर दूसरे नम्बर पर है. हाल ही में जयपुर के रामगंज इलाके में अरब से आया एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला है, जिसके बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और रामगंज सहित आस-पास के 10 थाना इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. विडम्बना यह है कि इतना सब होने के बाद भी यहां रह रहे लोग समझना नहीं चाहते. 27-28 मार्च को मोतीडूंगरी रोड स्थित एक मोहल्ले में पहुंचे चिकित्सकीय दल के से ना सिर्फ बदसलूकी की गई बल्कि उनके जांच फॉर्मेट को फाड़ दिया और मोबाइल फोन छीन कर रखा लिए. बात यहां तक बढ़ी की पुलिस बुलानी पड़ी. ये हालात तब रहे जब कि दल की प्रमुख एक महिला चिकित्सा अधिकारी ऊषा शर्मा थी.

दरअसल, हाल ही में रामगंज निवासी अरब से आया एक मुस्लिम युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है, जिसे जयपुर आए कई दिन हो चुके थे. इस दौरान वह युवक रामगंज क्षेत्र के अंदर कई इलाकों में घुमा-फिरा, उस व्यक्ति ने पिछले दिनों वहां की एक प्रमुख मज्जिद में जाकर नमाज तक अदा की, इस कारण उसके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिला प्रशासन की टीम और पुलिस ने उस युवक के संपर्क में आने वाले सभी संदिग्ध लोगों की एक लिस्ट बनाकर जांच हेतु चिकित्सा विभाग को सौंपी है. ऐसे में चिकित्सा विभाग की एक टीम परकोटे के उन इलाकों में जाकर जांच कर रही है जहाँ के लोग उक्त कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आये थे.

डॉक्टर ने लिखा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र, मुस्लिम क्षेत्र में कोरोना जांच दल से हुई बदसलूकी, जान बचाकर भागना पड़ा

गत 27-28 मार्च को जब वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उषा शर्मा जो कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गांधी नगर में पोस्टेड है, वो अपने चिकित्सक दल के साथ जयपुर के मोतीडूंगरी रोड़ स्थित मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कोरोना का सर्वे करने गईं थी, उस दौरना उनके साथ स्थानीय लोगों ने बदसलूकी की और उनके फॉर्मेट फाड़ दिए, यही नहीं उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया. इस दौरान कुछ अनहोनी की नीयत से काफी तादात में लोग वहां एकत्रित हो गये. ऐसे में जांच दल द्वारा पुलिसकर्मियों को पूरी जानकारी दी गई, लेकिन पुलिसकर्मियों के कहने पर भी स्थानीय लोगों ने जांच दल का सहयोग नहीं किया. बताया जा रहा है कि चिकित्सा विभाग का जांच दल मुश्किल से अपनी जान बचाकर अपने ऑफिस पहुंचा.

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CAA और NRC का जांच दल समझकर किया किया विरोध, हमने आगे जांच के पुलिस सुरक्षा की है मांग- नरोत्तम शर्मा, सीएमएचओ

इस पूरे मामले पर जब सीएमएचओ, नोरोत्तम शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था की, “ये समस्या आ रही है, जो लोग कम पढ़े लिखे है, वो कोरोना जांच को समझ नहीं पा रहे हैं, जिस मोती डूंगरी रोड के मामले की बात कर रहे है, यह सही है कि वहाँ विरोध हुआ था. उस इलाके के स्थानीय लोगों को लगा कि हमारा चिकित्सा दल CAA और NRC का सर्वे करने आया है, जबकि हमारा दल कोरोना की जांच करने गया था.” जब सीएमएचओ से पूछा गया कि आपने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई है, इस पर उनका कहना था कि, “हमने मामला दर्ज नहीं करवाया है, उन लोगों ने मारपीट नहीं कि थी, वो लोग दल को देखकर उत्तेजित हो गये थे. जब समुदाय विशेष ने जांच में चिकित्सा दल का सहयोग नहीं किया तो फिर मौके पर पुलिस को बुला लिया गया. पुलिस ने बाद में मामला शांत करवा दिया. हम जल्द ही जिला कलेक्टर को पत्र लिख रहे हैं कि चिकित्साकर्मियों को सुरक्षा प्रदान की जाए. मामला दर्ज करवाना इसका समाधान नहीं है, अभी हमको कोरोना से लड़ना है, इसलिये सुरक्षा मिलना ही सही है.

गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का सामने आना जारी है. रविवार को पांच नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए. इनमें से तीन अजमेर में तथा झुंझुनूं व भीलवाड़ में एक-एक नया मामला सामने आया है. इसी के साथ प्रदेश में अब तक 59 मरीज कॉरोना पॉजिटिव हो गए हैं.

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