मीनाक्षी जैन की जीवनी | Meenakshi Jain Biography in Hindi

meenakshi jain biography in hindi
meenakshi jain biography in hindi

मीनाक्षी जैन की जीवनी (Meenakshi Jain Biography in Hindi)

Meenakshi Jain Latest News – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 जुलाई, 2025 को राज्यसभा के लिए देश के चार जानी-मानी हस्तियों को मनोनीत किया है. उनके एक नाम डॉ. मीनाक्षी जैन का भी है. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ जैन दिल्ली के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर थी. उन्होंने इतिहास की कई पुस्तके लिखी है. इसके अलावे उन्होंने एनसीआरटी के लिए भी पुस्तके लिखी है, जो छात्रों को पढ़ाया जाता है. ये पहले की वामपंथी इतिहासकारो के द्वारा लिखी इतिहास की पुस्तकों के स्थान पर नए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इस लेख में हम आपको राज्यसभा सांसद डॉ. मीनाक्षी जैन की जीवनी (Meenakshi Jain Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

मीनाक्षी जैन का जन्म और परिवार (Meenakshi Jain Birth & Family)

मीनाक्षी जैन का जन्म दिल्ली में हुआ है. उनके पिता का नाम गिरिलाल जैन और माता का नाम सुदर्शन जैन था. उनके पिता टाइम्स ऑफ़ इंडिया के पूर्व संपादक और पत्रकार थे.

मीनाक्षी जैन चार भाई बहन है. उन्हें दो बहन और एक भाई है. उनकी एक बहन स्तंभकार संध्या जैन है. उनके भाई सुनील जैन एक पत्रकार थे, जो फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस के प्रबंध संपादक थे. मीनाक्षी जैन के पिता और भाई की मृत्यु हो चुकी है.

मीनाक्षी जैन की शिक्षा (Meenakshi Jain Education)

मीनाक्षी जैन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पी.एच.डी. की है.

मीनाक्षी जैन का एक इतिहासकार, प्रोफेसर, लेखिका के रूप में करियर (Meenakshi Jain career as a historian, professor, writer)

मीनाक्षी जैन ने दिल्ली के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर कार्य किया है. डॉ. मीनाक्षी जैन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के थी. केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद दिसंबर 2014 में डॉ. मीनाक्षी जैन को भारत सरकार द्वारा भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. वह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की पूर्व फेलो हैं और इस समय वह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) की वरिष्ठ फेलो हैं.

डॉ. जैन को समकालीन भारतीय इतिहास लेखन में एक केन्द्रीय आवाज के तौर पर जाना जाता है. डॉ. मीनाक्षी जैन भारत के प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद के तौर पर अपनी पहचान बनाई है. डॉ जैन द्वारा किये गए शोध जो, सामाजिक आधार और जाति एवं राजनीति के बीच संबंधों पर आधारित था, का प्रकाशन वर्ष 1991 में हुआ था. डॉ जैन का भारतीय इतिहास के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है.

देश के वामपंथी इतिहासकार के कुचक्र के विरुद्ध डॉ जैन ने भारत के वास्तविक इतिहास को लाने का काम किया है. उन्होंने अध्योध्या और मथुरा पर भी लिखी, जिसमें उन्होंने तथ्यों के साथ साबित किया कि संबंधित स्थान मुगलों के द्वारा कब्ज़ा लिए गए थे. इसके अलावे उन्होंने मुगलों के अन्याय को भी लिखा जो उसने हिन्दुओ पर किया था. वामपंथी इतिहासकार जो अब तक मुगलों और मुस्लिमो का महिमामंडन करते नहीं थकते थे, उसी के उलट डॉ जैन ने मुगलों की क्रूरता को उजागर किया. इसके साथ ही डॉ जैन ने औपनिवेशिक भारत में सती प्रथा, बैपटिस्ट मिशनरीज़ और बदलते औपनिवेशिक कालखंडो पर लिखा. बाद में डॉ मीनाक्षी जैन ने एनसीईआरटी के लिए स्कूल स्तर के इतिहास की पाठ्यपुस्तक, मध्यकालीन भारत भी लिखी, जिसने रोमिला थापर, सतीश चंद्र द्वारा सह-लिखित पिछली पाठ्यपुस्तक की जगह ले ली. अब यही कारण है कि भारत के वामपंथी इतिहासकार और प्रोफेसर डॉ.मीनाक्षी जैन के कट्टर आलोचक बन गए है.

भारतीय इतिहास विशेषकर देश के धार्मिक, सामाजिक, जातियता से संबद्ध विषयो को तथ्यों के साथ प्रस्तुत करने वाले उनके अनमोल योगदान के कारण डॉ. मीनाक्षी जैन को वर्ष 2020 में राष्ट्रपति कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया था.

मीनाक्षी जैन का राजनीतिक करियर (Meenakshi Jain Political Career)

इसी के बाद उन्हें 12 जुलाई, 2025 को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ मीनाक्षी जैन को राज्यसभा सदस्य (राज्यसभा सांसद) मनोनीत किया. डॉ मीनाक्षी जैन भारत की विख्यात इतिहासकार के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी है. उनकी पुस्तकों में मुख्यतः मध्यकालीन एवं औपनिवेशिक भारत की सांस्कृतिक व धार्मिक कालखंड की जीवनशैली की जानकारी मिलती है, जो देश के लिए अनमोल वरदान से कम नहीं है, इसी योगदान के चलते 12 जुलाई, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया. उनके साथ तीन अन्य सदस्यों को भी राज्यसभा सदस्य के लिए नामित किया गया है, जिनमें देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम, केरल के समाजसेवी सी. सदानंदन एवं पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला शामिल है.

वर्तमान में, मीनाक्षी जैन राज्यसभा (Nominated) सदस्य है.

क्या है संविधान में नियम

भारत के संविधान के अनुसार संसद के उच्च सदन यानि राज्य सभा में कुल सदस्यों की संख्या अधिकतम 250 तक हो सकती है. अनुच्छेद 80 के अनुसार इनमें 238 सदस्यों का चुनाव राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशो से होता है जबकि बचे हुए 12 सदस्यों की नियुक्ति अथवा चुनाव देश के महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है. अनुच्छेद 80 के अनुसार राष्ट्रपति देश के किसी भी नागरिक को एक राज्यसभा सदस्य के रूप में नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है. नियम के अनुसार राष्ट्रपति देश के ऐसे चुनिंदा हस्तियों को चुनता है,जो कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा और खेल जगत में बड़े नाम अर्जित कर चुका हो अथवा अमुक हस्ती का संबंधित क्षेत्र में बहुत योगदान हो.

इस लेख में हमने आपको राज्यसभा सांसद मीनाक्षी जैन की जीवनी (Meenakshi Jain Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

Google search engine