औरंगाबाद की घटना को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए बोलीं मायावती ‘सरकार सिर्फ अमीरों के साथ’

केंद्र सरकार पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपनाने का आरोप, प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अपने घरों तक पहुंचाने की मांग, शुक्रवार अलसुबह करमाड स्टेशन के पास 16 मजदूरों को कुचलते हुए निकल गई ट्रेन, कुछ हुए घायल

Mayawati Bsp
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पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने औरंगाबाद की घटना के बहाने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना वायरस की वजह से सामने आए बड़े संकट की इस घड़ी में भी सरकार अमीरों के साथ खड़ी दिख रही है. केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी हर जगह पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपना रही हैं. औरंगाबाद में शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए. ये सभी पैदल ही महाराष्ट्र से अपने घरों की ओर निकले थे. मायावती ने अचानक से लॉकडाउन लगाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो अमीरों को लाने के लिए विमान भेजे जा रहे हैं, जबकि मजदूरों और गरीबों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस संकट काल में भी राज्य सरकारें गलत व्यवहार कर रही है. क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं की गई है. केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी हर जगह पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपना रही हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह बातें कही. बयान की कॉपी मायावती ने ट्वीट पर भी अपलोड किया है.

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मायावती ने कहा कि कोरोना वायरस से दुनिया के साथ हम भी त्रस्त हैं. हमारा देश भी कोरोना के कहर से काफी पीड़ित है. अभी इसका कोई निदान न होते देख जनता काफी दुखी है. इनमें भी गरीब तथा मजदूर सबसे ज्यादा दुखी हैं. इनको तो आगे का कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है. अब गरीबों को रोजी-रोटी नहीं मिल रही है जिसके चलते प्रवासी लोग बहुत परेशान हैं.

बसपा चीफ ने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में प्रवासी मजदूरों की मौत की घटना बेहद दुखद और विचलित करने वाली है. इन सभी को जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो रेल की पटरी पकड़कर अपने घर जा रहे थे. रास्ते में इनको कहीं पर भी रोका नहीं गया. यह तो बड़ी लापरवाही है. इस घटना से मैं और पार्टी बहुत दुखी है. औरंगाबाद की यह घटना सरकारों की लापरवाही का बड़ा नतीजा है. राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले, वरना सरकार किस दिन काम आएगी?

मायावती ने कहा कि सरकार का काम है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाएं. मजदूरों से अमानवीय व्यवहार न करें. मजदूरों से क्रूरता से किराया ले रहे. केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अमीरों के लिए दयावान सरकार बनी हैं. सरकारें अमीरों के बच्चों के लिए मेहरबान हैं. अमीरों को लाने के लिए सरकार विदेश में हवाई जहाज भेज रही हैं.

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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पता चला है कई प्रदेशों में फैक्ट्री वालों ने मजदूरों को निकाल दिया जिसके बाद वे बेकार होने के कारण पैदल ही घरों की ओर चल पड़े हैं. सिर्फ उनसे अनुरोध करने से काम नहीं चलेगा, जहां की कोई गरीब या मजदूर हाई-वे पर पैदल चलता दिखे, उसको वहीं पर रोका जाए और खाने-पीने के साथ ही घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाए. किसी भी सरकार को गरीब-मजदूर नजर नहीं आ रहे हैं.

मायावती ने अचानक लॉकडाउन की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा मानना है कि लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले सभी को कुछ समय देना चाहिए था. जिससे कि लोग अपने साधनों से अपने घरों तक पहुंच सकते थे. यहां तो कुछ घंटों में लॉकडाउन शुरू हो गया जिससे किसी को भी व्यवस्थित होने के लिए समय नहीं मिला.

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दरअसल, महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास रेलवे ट्रैक पर मंगलवार सुबह 6:30 बजे 16 प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई. सभी मजदूर पैदल मध्य प्रदेश जा रहे थे. हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास तब हुआ जब 40 किमी. पैदल चलकर थक चुके सभी मजदूर पटरियों पर ही सो गए. इसी दौरान मालगाड़ी का एक ड्ब्बा पटरियों पर आ गया और सभी को कुचलते हुए निकल गया. 5 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने घटना पर दुख जताया है.

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