Politalks.News/Bihar/Owaisi. बिहार विधानसभा चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन को उम्मीद से बढ़कर सफलता मिली है. ओवैसी विस चुनावों में एक गेम चैंजर बनकर उभरे हैं. ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवारों ने एक ओर कांग्रेस और राजद के प्रत्याशियों के वोट काटे, वहीं पिछले चुनावों में कांग्रेस की सभी जीती हुई सीटों को अपने कब्जे में किया. सियासी गलियारों में स्पष्ट तौर पर माना जा रहा है कि ओवैसी के चुनावी मैदान में उतरने की वजह से ही महागठबंधन बहुमत के आंकड़े से दूर रह गया. बिहार चुनाव परिणाम पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा ‘मंजिल अक्लमंद को नहीं जुनूनी को मिलती है’.
बिहार में इन दिनों असदुद्दीन ओवैसी सबसे अधिक चर्चा का विषय बने हुए हैं. ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पांच सीटों पर अपना कब्जा जमाया है. वहीं कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे हैं. बिहार में विधानसभा सीटें जीतने पर जहां ओवैसी की पार्टी में खुशी है, वहीं कांग्रेस और राजद जैसे दलों में सन्नाटा पसरा हुआ है. ओवैसी के असर से कांग्रेस और राजद के वोट बैंक में सेंध हुई है. इसके बाद हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तारीफ हर जगह हो रही है.
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इसी बीच गल्फ न्यूज ने ओवैसी पर लिखा, ‘असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों से कहा है कि मुसलमानों को खुद को दूसरे दर्जे का समझने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत का संविधान सभी को समान अधिकार देता है.’ गल्फ न्यूज के इस ट्वीट को ओवैसी ने ट्विटर पर शेयर किया और लिखा, ‘मैं कहता हूं कि मंजिल अक्लमंद को नहीं मिलती..मंजिल सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलती है जो जुनूनी होते हैं.’ ओवैसी की राजनीति पर गल्फ न्यूज के लेख में लिखा गया है कि ओवैसी की राजनीति महत्वकांक्षी, साहसी और उत्साह से भरी हुई है.
|@DilliDurAst calls my politics "ambitious, daring & even a little crazy"
In my public meetings, I say "manzil aqalmand ko nahi milti manzil junooni ko milti hai". Our voters deserve assertive & unapologetic representatives. Cant afford to be "careful" & "unemotional" about it https://t.co/vkv19eNt5P
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 12, 2020
बिहार विस परिणामों से उत्साहित ओवैसी अब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. अगर वे बिहार चुनावों के परिणाम पश्चिम बंगाल और यूपी चुनावों में दोहराने में सफल होते हैं तो उनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी की छवि पा लेगी जो कांग्रेस सहित अन्य स्थानीय लेवल की पार्टियों के लिए अच्छे संकेत नहीं है.
गौरतलब है कि बिहार में शानदार प्रदर्शन करके 5 सीटे जीतने वाले ओवैसी पर लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी ने निश्चित तौर पर कांग्रेस और राजद के वोट बैंक को तोड़ दिया है. इसी वजह से महागठबंधन 110 सीटों पर ही रह गया और सत्ता बनाने में कामयाब नहीं रहा. इसके बाद देश के मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने ओवैसी की तुलना ‘जिन्ना’ से कर दी. राणा ने कहा कि ओवैसी जैसे नेताओं ने ही मुसलमानों को तोड़ा और बर्बाद किया है. अब देश के मुसलमान जिन्ना के बाद ऐसी ही किसी नेता को नहीं उभरने देंगे. उन्होंने ओवैसी को बीजेपी के हाथों की कठपुतली भी बताया.
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मुनव्वर राणा ने कहा कि ओवैसी बीजेपी की कठपुतली हैं. ओवैसी की 5 सीटें जीतने पर मुसलमानों का भला नहीं होगा. राणा ने ओवैसी को मुसलमानों का राणा सांगा बताया. दूसरी ओर कांग्रेस भी ओवैसी पर हमलावर है. कांग्रेस लगातार ओवैसी पर बीजेपी की ‘टीम बी’ बनकर काम करने का आरोप लगाती रही है जबकि ओवैसी ने कांग्रेस पर मुसलमानों को बरगलाने और उन्हें राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.