लोकसभा चुनाव में अपने बिगड़े बोल से सुर्खियों में आयी बीजेपी की सुलतानपुर सांसद मेनका गांधी अपने गुस्सेल रवैये की वजह से फिर से चर्चा में है. इस बार उन्होंने अपना गुस्सा बिजली विभाग के एसडीओ पर निकाला. बीजेपी सांसद ने न केवल उन्हें डांट लगाई, बल्कि वहां मौजूद कई अधिकारियों के साथ जमकर खरी खोटी सुनाई.
दरअसल मेनका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां बीजेपी सांसद एक गांव में विद्युत व्यवस्था को लेकर की गई शिकायत पर कलेक्ट्रेट में अधिकारियों से सवाल-जवाब कर ही रही थी कि अचानक से फूटे गुस्से के दौरान उनकी जुबान फिर से फिसल गयी. पहले तो उन्होंने इलाके में लचर बिजली व्यवस्था को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली. उसके बाद बिजली विभाग के एसडीओ से यहां तक कह दिया कि तुम कोई राजा हो…छोटे-मोटे कर्मचारी…तुम हमारी भीख पर टिके हो.
मेनका गांधी के ये कटु वचन सुनकर अधिकारी सहित अन्य अफसर भी बगले झांकने लगा लेकिन थोड़ी ही देर बार उनका अधिकारियों को डांट पिलाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इसी के साथ चर्चाओं का दौर भी शुुरू हो गया. कई यूजर्स उनके अधिकारियों को इस तरह जलील करने की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ जनता की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए उनके इस एक्शन की सराहना कर रहे हैं.
इससे पहले रविवार को सांसद मेनका गांधी ने एक फायर स्टेशन के भूमि पूजन कार्यक्रम में अधिकारियों ने कहा कि फायर स्टेशन एक साल में चालू नहीं हुआ केंद्र तो किसी न किसी की नौकरी जानी पक्की है. सुल्तानपुर पहुंचने से पहले मेनका गांधी ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की. मेनका गांधी ने जिले के लिए विभिन्न विकास योजनाओं से लेकर बिजली, कानून व्यवस्था, अस्पताल की खराब स्थिति पर बातचीत कर उसे दूर कराने का आग्रह किया.
लोकसभा चुनाव के प्रचार कैंपेन में भी सुलतानपुर की जनता उनका ये गुस्सैल रवैया देख चुकी है. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के एक मुस्लिम इलाके अमहट के तुराबखानी में जाकर लोगों को संबोधित किया था, ‘अगर आप मुझे वोट नहीं देंगे तो भी मैं जीतूंगी लेकिन उसके बाद अगर कोई काम के लिए मेरे पास आता है तो उनके लिए भी उनके कार्य करना मुश्किल होगा. मेरा रुख भी वैसा ही रहेगा.’
मेनका के इस बयान से जमकर बवाल हुआ था. उसके ऐसे ही बिगड़े बोल के चलते बीते लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने मेनका गांधी पर 48 घण्टे का बैन भी लगाया था. इसके बाद वे दो दिन तक किसी चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले पायी थी.