Politalks.News/WestBengalElection. बंगाल विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय शेष बचा है, जिसके चलते सभी राजनीतिक पार्टियों के भाषणों में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए होड़ से मच गई है. जहां एक ओर बंगाल फ़तेह करने का एलान करते हुए बीजेपी अपनी जीत का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बीजेपी के इस दावे को धत्ता बताते हुए पुनः अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है. इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी आरोप पर पलटवार करते हुए ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार ने 2.5 लाख किसानों के नाम पीएम सम्मान निधि योजना के लिए भेजे थे. हम जानना चाहते हैं कि इन्हें अब तक कोई नकद लाभ क्यों नहीं दिया गया. ममता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि जो नाम भेजे गए थे उनको अब तक कोई नकद लाभ क्यों नहीं दिया गया?
दरअसल, रविवार को पश्चिम बंगाल के हल्दिया में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के लोगों को आयुष्मान भारत व पीएम किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं दे रही है. राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में इन योजनाओं का लाभ देने का निर्णय लेंगे.
यह भी पढ़ें: बंगाल के लोगों ने ‘बुआ-भतीजावाद’ को खत्म करने का लिया निर्णय, अब ‘पोरिबोर्तोन’ होकर रहेगा- PM मोदी
सोमवार को विधानसभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से छह लाख आवेदकों की सूची सत्यापन के लिए मिली थी, इनमें से 2.5 लाख किसानों के नाम केंद्र को केंद्र के कल्याण कार्यक्रम में मदद के लिए भेजे गए थे. विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लेखानुदान पेश करते हुए किसानों की अपनी कृषक बंधु योजना के लिए सहायता राशि बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में 19 औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत करेगी जिसमें 72,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 3.29 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
आपको बता दें, बंगाल के किसानों को पहले कृषक बंधु स्कीम में राज्य सरकार 5000 रुपये सालाना देती थी, अब यह राशि बढ़ाकर 6000 रुपये कर दी गई है. बता दें केंद्र सरकार भी पीएम सम्मान निधि के तहत इतनी ही राशि देशभर के पात्र किसानों को तीन किस्तों में देती है. केंद्र सरकार की योजना में छोटे व सीमांत कृषकों को सम्मान निधि दी जाती है.