एक समय था जब फिल्मी सितारे केवल दक्षिणी राज्य तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में ही राजनीति में किस्मत आजमाने उतरा करते थे. पश्चिम बंगाल में कभी भी लोकसभा चुनावों में ऐसे फिल्मी सितारों को टिकट देने का चलन नहीं था. लेकिन तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक नई परंपरा शुरू करते हुए वर्ष 2009 के चुनावों में शताब्दी राय और तापस पाल जैसे उस समय के दो सबसे व्यस्त फिल्मी सितारों को चुनावी रण में उतारा. दोनों आसानी से जीत गए. इस जीत में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी की लहर से ज्यादा इन सितारों का ग्लैमर प्रमुख रहा. 2014 के लोकसभा चुनावों में भी 5 फिल्मी सितारों को टिकट बांटे और सभी सीटें तृणमूल की झोली में आ गिरीं.
ममता बनर्जी ने बीजेपी के बढ़ते असर को ग्लैमर के सहारे बेअसर करने की रणनीति बनाई है. बनर्जी ने इस बार 8 पुराने सांसदों का पत्ता साफ कर बांग्ला फिल्मों की दो टॉप अभिनेत्रियों समेत पांच फिल्मी हस्तियों को चुनावी मैदान में उतारा है. जिन दो अभिनेत्रियों को ममता ने टिकट दिया है उनमें से एक मिमी चक्रवर्ती है जो कोलकाता की प्रतिष्ठित जादवपुर सीट से लड़ेंगी. यह वही सीट है जहां से कभी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और खुद ममता भी चुनाव लड़ चुकी हैं. वहीं बांग्लादेश की सीमा से लगी बशीरहाट सीट पर अभिनेत्री नुसरत जहां को उम्मीदवार बनाया गया है. दोनों अभिनेत्रियों को राजनीति का कोई अनुभव नहीं है लेकिन ग्लैमर का लंबा अनुभव जरूर है.
इन दोनों के अलावा बांग्ला फिल्मों के हीरो दीपक अधिकारी उर्फ देब, शताब्दी राय और मुनमुन सेन को भी टिकट दिया गया है. मुनमुन सेन को आसनसोल में बीजेपी के संभावित उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो के खिलाफ मैदान में उतारा है. इसके अलावा 42 में 17 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिए हैं. कहना गलत न होगा कि 2004 के बाद ममता को कभी लोकसभा चुनावों में इतनी कड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा है. इस बार तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है और दोनों एक एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए दोनों पार्टियां कोई भी कसर नहीं छोड़ रही हैं. ममता खुद भी मानती हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती हैं और बीजेपी उनकी मुख्य चुनौती है.
मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी बीजेपी से निपटने के लिए ममता ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कई जगह उम्मीदवार बदले हैं. खासकर झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बांकुड़ा और बोलपुर सीटों पर यह बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है जहां पिछले पंचायत चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर रहा था. अब देखना यह रोचक रहेगा कि फिल्मी सुपरस्टार और ग्लैमर से भरी अदाकारिता पर खेला गया कार्ड ममता बनर्जी को कितनी सफलता दिला पाता है.