Politalks.News/WestBengalElection पश्चिम बंगाल में कल यानी 1 अप्रैल को 30 सीटों पर होने वाले दूसरे चरण के मतदान के ठीक एक दिन पहले बुधवार को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने देश के सभी बड़े विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखकर लोकतंत्र को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है. ममता बनर्जी की ओर से 5 मुख्यमंत्रियों सहित 15 विपक्षी दलों के नेताओं को यह चिठ्ठी लिखी गई है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के अलावा केएस रेड्डी, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और श्री दीपांकर भट्टाचार्य को भी पत्र लिखा है. ममता बनर्जी ने खत में लिखा है कि- मेरा दृढ़ विश्वास है कि अब वक्त आ गया जब बीजेपी द्वारा लोकतंत्र और संविधान पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ एकजुट हुआ जाए.
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इसके साथ ही ममता बनर्जी ने संसद में पारित हुए एनसीटी विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं. ममता ने कहा कि एनसीटी विधेयक का पारित होना एक गंभीर विषय है. भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र में कहा है कि गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों में केन्द्र राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर निर्वाचित सरकारों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं.
आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे को लेकर भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा चुकी है. टीएमसी का तर्क है कि बांग्लादेश दौरे के दौरान पीएम मोदी की ओराकांडी यात्रा चुनावों में एक खास मतदाता समूह को प्रभावित करने के लिए की गई. गौरतलब है कि नंदीग्राम को शुभेंदू अधिकारी का गढ़ कहा जाता है और इसी नैरेटिव को चैलेंज करने के लिए ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ने पहुंची है.