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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस पर तीखा हमला बोला है. ममता ने कहा कि दोनों विधायकों को जनता ने चुना है. राज्यपाल को उन्हें शपथ लेने से रोकने का क्या अधिकार है. तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन के शपथ ग्रहण में देरी से आने और इसपर जारी गतिरोध को लेकर ममता ने राज्यपाल पर निशाना साधा है. टीएमसी सुप्रीमो ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल का नाम लिए बिना यहां तक कहा कि राजभवन में कैसा शरारती शख्स बैठा है, जिससे लड़कियां वहां जाने से डरती हैं.

दरअसल पश्चिम बंगाल में हुए उप चुनाव में सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन ने तृणमूल के टिकट पर जीत दर्ज की है. सायंतिका कोलकाता के बरानगर और हुसैन मुर्शिदाबाद के भगवानगोला सीट से निर्वाचित हुए हैं. शपथ ग्रहण करने में देरी होने पर राज्यपाल ने दोनों उम्मीदवारों को शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल आमंत्रित किया. तृणमूल के दोनों नवनिर्वाचित विधायक राजभवन की बजाय विधानसभा में शपथ दिलाने की मांग पर अडिग हैं. राज्यपाल ने दोनों विधायकों को बुधवार दोपहर में शपथ के लिए राजभवन में आमंत्रित किया था, लेकिन दोनों नहीं पहुंचे थे.

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अपनी मांग के समर्थन में तृणमूल के दोनों नवनिर्वाचित विधायकों ने राज्य विधानसभा परिसर में बुधवार को चार घंटे और गुरुवार को भी तीन घंटे तक धरना दिया. दोनों विधायकों ने धरने के बाद राज्यपाल को फिर पत्र लिखकर विधानसभा में ही आकर शपथ दिलाने का भी अनुरोध किया. ममता ने दोनों विधायकों की मांग का समर्थन कि या. उन्होंने कहा कि राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए विधानसभा आएं या फिर ऐसा करने के लिए अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को नामित करें.

इधर, राजभवन की एक अस्थाई महिला कर्मचारी द्वारा राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत पर भी ममता ने निशाना साध. सीएम ने इस गतिरोध को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्यपाल पर शपथ ग्रहण समारोह को अहंकार की लड़ाई में बदलने और जानबूझकर मुद्दे को जटिल बनाने का आरोप लगाया.

दरअसल, राजभवन की एक अस्थाई महिला कर्मचारी द्वारा राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है. इसका जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि पिछले दिनों राजभवन में जो कुछ हुआ, उसके बाद महिलाएं वहां जाने से डर रही हैं. ममता ने कहा है कि जरूरी हुआ तो वह सड़क पर राज्यपाल से बात कर लेंगी, लेकिन बोस के रहते राजभवन नहीं जाएंगी.

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