Politalks.news/Rajasthan. हमारा सपना है कि प्रदेश से किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े. यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का, जिन्होंने प्रदेश में 300 करोड़ रुपये की लागत से स्वास्थ्य सेवाओं के 37 चिकित्सा संस्थानों के भवनों लोकार्पण एवं शिलान्यास के दौरान ये बात कही. सीएम गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के 29 भवनों का लोकार्पण तथा 8 निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया. इस मौके पर सीएम गहलोत ने विभिन्न जिलों में 19 कोविड माइक्रोबायलोजिकल लैब का भी लोकार्पण भी किया. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों के लिए 819 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी जारी की गई है.
लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मरीज मेवाड़ और मारवाड़ की तरफ के लोग इलाज के लिए गुजरात जाते हैं. हम इस स्थिति को बदलना चाहते हैं. इसके लिए प्रदेश के तीन जिलों को छोड़कर अब शेष सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की सुविधा दे दी गई है. अब प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछ रहा है. उन्होंने कहा कि इनके विस्तार करने का काम लगातार जारी है. हम राजस्थान को स्वास्थ्य सेवाओं में सिरमोर बनाना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पिछले एएक साल में 15 जिलों को मेडिकल काॅलेज मिले हैं, इनको मिलाकर राजकीय क्षेत्र में 31 मेडिकल काॅलेज हो जाएंगे. हमारी मंशा है कि सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलें. सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती देने के लिए निशुल्क दवा योजना एवं निशुल्क जांच योजना शुरू की गई थी. कोरोना संक्रमण की शुरूआत के समय प्रदेश में कोरोना की जीरो टेस्टिंग सुविधा थी. आज प्रतिदिन 40 हजार से अधिक टेस्टिंग की सुविधा विकसित कर ली गई है, जो आगे चलकर 50 हजार तक पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 मरीजों का इलाज प्लाज्मा थैरेपी से करने में कामयाबी मिली है.
यह भी पढ़ें: राजस्थान की सत्ता और संगठन में भागीदारी का फॉर्मूला तय करेगी कांग्रेस की तीन सदस्यी कमेटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गया है. कोरोना से मुकाबले में हमारे प्रबंधन की देशभर में सराहना हुई है. हमने कोरोना से मृत्यु दर को काफी नियंत्रण में रखा है और सारे पैरामीटर्स पर अन्य राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है. सीएम गहलोत ने खुद के स्वास्थ्य का ख्याल खुद रखने का संदेश देते हुए आमजन से कोरोना को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने, भीड़ एकत्रित नहीं करने, मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में राज्य सरकार ने ‘कोई भूखा नहीं सोये’ के संकल्प को पूरा करने के साथ ही जीवन बचाने एवं आजीविका के समक्ष आई चुनौती का मुकाबला करने में कोई कमी नहीं रखी. सीएम ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि प्रदेश में कोरोना से किसी की जान नहीं जाए. इसके लिए अधिक से अधिक टेस्टिंग पर ध्यान दिया जा रहा है. राज्य सरकार का ध्येय राजस्थान को स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे देश में सिरमौर बनाना है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबले करने के लिए हमने सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं विकसित की जा रही है.
इस मौके पर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चुनौती का मुकाबला करते हुए प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. 750 से अधिक मोबाइल ओपीडी वेन संचालित की जा रही हैं. सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में 12 हजार 500 नर्सिंगकर्मी एवं 765 डॉक्टरों की भर्ती की जा चुकी है. दो हजार डाॅक्टरों की भर्ती अंतिम चरण में है, साथ ही 6,310 सीएचओएस की भर्ती की प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू होगी.
यह भी पढ़ें: कोटा को स्मार्ट सिटी बनाया गया लेकिन जोधपुर को नहीं, इसकी पूर्ति की जिम्मेदारी अब धारीवाल की- सीएम गहलोत
वहीं चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष में विभाग ने कई आयाम स्थापित किए हैं. मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की 961 अतिरिक्त सीटें मिली हैं, जिनमें से 806 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो जाएगी. स्नातक में 650 सीटों की बढ़ोतरी की गई है.
चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के इन भवनों का हुआ लोकार्पण (लागत 203.60 करोड़)
- एसएमएस मेडिकल काॅलेज, परीक्षा कक्ष
- आरएनटी मेडिकल काॅलेज उदयपुर- जूनियर बाॅयज हाॅस्टल, लेक्चर थिएटर ब्लाॅक, ओपीडी एवं इंवेस्टिगेशन एकीकृत ब्लाॅक, सीनियर रेजिडेंट हाॅस्टल
- मेडिकल काॅलेज अजमेर-आपातकालीन ब्लाॅक (कार्डियोलाॅजी विभाग) एमजी हाॅस्पिटल भीलवाड़ा
- मेडिकल काॅलेज, डूंगरपुर-नया भवन, रेजिडेंट हाॅस्टल, नर्सेज हाॅस्टल कोविड की 19 जांच लैब
इन भवनों का हुआ शिलान्यास
- मेडिकल काॅलेज कोटा में छात्रावास (स्नातक) : 11.10 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज कोटा में छात्रावास (स्नातकोत्तर) : 18.50 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज कोटा में इन्टर्न हाॅस्टल : 5 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज कोटा में लेक्चर थिएटर :4.50 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज कोटा से सम्बद्ध एमबीएस चिकित्सालय में लेक्चर थिएटर :2.25 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज अजमेर में मार्चरी ब्लाॅक : 1.75 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज अजमेर में पीडियाट्रिक ब्लाॅक : 21.59 करोड़ रुपये
- मेडिकल काॅलेज अजमेर में मेडिसीन ब्लाॅक : 37.70 करोड़ रुपये