बीएमसी चुनावों से पहले बदल रहे समीकरण: क्या कहती है उद्धव’राज की दोस्ती?

13 साल बाद राज ठाकरे का मातोश्री में कदम रखना दे रहा बड़ा सियासी संदेश, 'राजा' का अपने गुरू को श्रद्धांजलि देना और 'दादू' का साथ चेहरों पर ला रहा मुस्कान और आंसू

maharashtra politics
maharashtra politics

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर वैसे तो कोई नयी बात नहीं है लेकिन बीते कुछ महीनों में अटकलों और अप्रत्याशित घटनाओं ने सियासी समीकरणों को बदला जरूर है. एक दिन पहले भी राजनीतिक गलियारों में वो सियासी पंडितों ने वो घटते हुए देखा, जो होना करीब करीब नामुमकिन था. वो है राज ठाकरे का मातोश्री में कदम रखना. 2005 में एकजुट शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे ने मातोश्री में केवल दो बार प्रवेश किया है. एक बार 16 जुलाई, 2012 को, जब उद्धव को सीने में दर्द होने की वजह से अस्पताल ले जाया गया था और अंतिम बार 18 नवंबर को, जब 18 नवंबर को बालासाहेब ठाकरे का निधन हुआ. इसके बाद राज ठाकरे ने मातोश्री में 27 जुलाई, 2025 को एक बार फिर दस्तक देकर बीएमसी चुनावों से पहले राज्य में नए समीकरणों को बदलने को हवा दे दी है.

दरअसल रविवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे का जन्मदिवस था. ऐसे में उन्हें बधाई देने उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) सुप्रीमो राज ठाकरे खुद उद्धव के निवास मातोश्री पहुंचे. 13 साल के बाद हुई इस राजनीतिक घटना से दोनों परिवारों के करीब आने और दोनों पार्टियों के राजनीतिक गठबंधन की संभावनाएं एक बार फिर बढ़ गयी हैं. सामान्य घरेलू माहौल की बात करें, तो लगभग दो दशक के अंतराल के बाद ‘राजा’ अपने प्रिय ‘दादू’ को बधाई देने जैसे ही पहुंचे, मातोश्री के आसपास एकत्रित हुए कई लोगों के चेहरों पर मुस्कान और आंसू ला दिए.

यही भी पढ़े: ‘..ये सरकार बहुत निकम्मी है’ नितिन गडकरी के विवादित बयान ने उड़ाए होश!

मातोश्री पहुंचने के बाद राज ठाकरे ने फीगी आंखों से सबसे पहले बालासाहेब की कुर्सी के सामने झुककर अपने गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद शिवसेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने मनसे संस्थापक अध्यक्ष राज के कंधे पर हाथ रखकर थपथपाया. राज के यहां पहुंचते ही राज्यसभा सदस्य संजय राउत, जो उनके मित्र और उद्धव के करीबी हैं तथा विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं, ने उनका स्वागत किया. इस मुलाक़ात में राज के साथ उनके सहयोगी और पूर्व गृह राज्य मंत्री बाला नंदगांवकर और पूर्व विधायक नितिन सरदेसाई भी थे.

बता दें कि ठाकरे भाइयों के बीच यह सौहार्द महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों के पूर्व देखने को मिल रहा है, जो सत्ताधारी महायुति सरकार को उद्धव और राज की ओर से यह एक बड़ा राजनीतिक संदेश है. स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान 29 नगर निगमों, 257 नगर परिषदों, 26 जिला परिषदों, 289 पंचायत समितियों में चुनाव होंगे, जो राज्य की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को प्रभावित करेंगे. इस मुलाकात से महाविकास आघाड़ी खेमे में भी उत्साह का माहौल है. हालांकि उद्धव’राज की ये जोड़ी क्या एकजुट शिवसेना के समय की तरह क्या अपनी पैठ को राज्य में एक बार फिर से कायम कर पाएगी, ये देखने वाली बात होगी.

Google search engine