Maharashtra Election: महाराष्ट्र में कुछ सीटों पर चुनावी जंग रोचक होने वाली है. इनमें से एक सीट है वर्ली विधानसभा सीट, जिस पर उद्धव ठाकरे गुट के आदित्य ठाकरे मैदान में हैं. 2019 में आदित्य ठाकरे वंश के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने चुनाव लड़ा था. इससे पहले न तो कभी उद्धव ठाकरे और न ही कभी राज ठाकरे ने चुनाव लड़ा था. बाला साहेब ठाकरे ने भी हमेशा रिमोट राजनीति को ही बेहतर समझा.
इस बार आदित्य ठाकरे शिवसेना-यूबीटी की ओर से वर्ली से चुनावी मैदान में हैं. पिछली बार उन्होंने एक तरफा मुकाबले में एनसीपी प्रत्याशी को बुरी तरह हराया था. शिवसेना और बीजेपी की ओर से उतरने के कारण आदित्य ठाकरे ने इस चुनाव में आसानी से जीत हासिल की थी. आदित्य ठाकरे को 89,248 वोट मिले थे, जबकि एनसीपी के सुरेश माने को 21,821 वोट मिले थे.
यूथ आइकन की चुनौती से निपटने के लिए महायुति ने राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को आदित्य के सामने उतारा है. देवड़ा सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सदस्य हैं. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी (MNS) की ओर से संदीप देशपांडे को उम्मीदवार घोषित किया गया है.
त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसान –
बात करें मिलिंद देवड़ा की, जो कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे. वर्ली में उनका अच्छा दबदबा है. कांग्रेस में रहते हुए वह मुंबई से सांसद भी चुने गए थे. वहीं एमएनएस पार्टी मराठी भाषी लोगों में काफी पकड़ है. आदित्य भी कोई कम नहीं हैं लेकिन मिलिंद देवड़ा के सामने कद और अनुभव में आदित्य कमतर हैं. फिर भी आदित्य ठाकरे को बड़ी संख्या में मराठी भाषी लोगों समर्थन प्राप्त है. आदित्य एमवीए सरकार में मंत्री रहे चुके हैं.
हाल में उनके नेतृत्व में मुंबई यूनिवर्सिटी में संपन्न हुए सीनेट चुनाव में शिवसेना की यूथ विंग ‘युवा सेना’ ने बीजेपी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवारों को धूल चटाई थी. सभी 10 सीटों पर युवा सेना के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी.
हालांकि सीनेट चुनावों का विधानसभा चुनावों से कोई नाता नहीं है लेकिन ये तो पक्का है कि आदित्य की यूथ में पकड़ काफी मजबूत है. ऐसे में आदित्य ठाकरे महायुति के मिलिंद देवड़ा को कड़ी चुनौती देते नजर आते हैं.
सीधे सीएम को चुनौती दे चुके आदित्य –
इस बार वर्ली विधानसभा क्षेत्र का चुनाव बहुत अलग है, क्योंकि तीनों ही उम्मीदवार मजबूत हैं. शिवसेना में विभाजन के बाद से महाराष्ट्र में आदित्य ठाकरे का एक अलग ही आक्रामक रूप देखने को मिला है. आदित्य ठाकरे समय-समय पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने एकनाथ शिंदे को सीधे ललकारते हुए चुनाव में उनके सामने खड़े होने की चुनौती दी थी.
चूंकि आदित्य ठाकरे ने सीधे तौर पर शिंदे को चुनौती दी थी, अब एकनाथ शिंदे ने उनके खिलाफ एक बेहद ताकतवर नेता को मैदान में उतार दिया है. वहीं राज ठाकरे के उम्मीदवार संदीप देशपांडे भी टक्कर के उम्मीदवार हैं. ऐसे में इस सीट पर बेहद कड़ी और त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है.