पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में चल रहा सियासी ड्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. आज फिर एक बार देवेंद्र फडणवीस सरकार के भविष्य का फैसला सुप्रीम कोर्ट में अटक गया. सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय बैंच ने विधानसभा में फ्लौर टेस्ट (Floor Test) पर फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत मंगलवार सुबह 10:30 बजे फ्लोर टेस्ट पर अपना निर्णय सुनाएगी. इस तरह फडणवीस सरकार को अपनी तैयारियों के लिए 24 घंटे का समय और मिल गया है.
महाराष्ट्र में चोरी छिपे शनिवार सुबह को जिस तरह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, उसके के खिलाफ विपक्ष ने याचिका दायर की थी. रविवार को भी इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी, तुषार मेहता, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकीलों के बीच तीखी बहस हो चुकी है. आज सुबह 10:30 बजे फिर से हुई सुनवाई में चारों पार्टियों के वकील मुकुल रोहतगी, तुषार मेहता, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकीलों के बीच तीखी बहस हुई.
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एनसीपी की दलील रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने बार-बार राज्यपाल की कार्यवाही को संदेह के घेरे में लाते हुए अगले 24 घंटों में फ्लोर टेस्ट (Floor Test) कराने की मांग रखी. वहीं शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सरकार बनाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 20 दिन का इंतजार किया तो शपथ ग्रहण में 24 घंटे तक का इंतजार क्यों भारी पड़ गया जोकि इस तरह केवल एक रात में राष्ट्रपति शासन हटने से लेकर शपथ ग्रहण तक करा दिया गया. (Floor Test)
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में शुक्रवार से लेकर शनिवार रात के अंधेरे में बीते 12 घंटे सियासी उलट पुलट वाले साबित हुए. एक रात पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिली जुली सरकार बनाने पर सहमति बन रही थी, उसी सुबह देवेंद्र फडणवीस ने 170 विधायकों के समर्थन के साथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली.
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गौर करने वाली ये रही कि एनसीपी के विधायक दल के नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ग्रहण की. बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवसेना और एनसीपी ने इसे पार्टी के साथ धोखा बताया. यहीं नहीं, पीसी में दो विधायकों को मीडिया से रूबरू भी कराया जिन्होंने ‘हमें धोखे से वहां ले जाया गया और हम पार्टी के साथ हैं’ कहकर बड़ा खुलासा किया. (Floor Test) इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विधायक दल की बैठक में अजीत पवार को विधायक दल के नेता से हटाते हुए जयंत पाटिल को नया विधायक दल का नेता चुना गया. वहीं इस मामले में तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग के साथ याचिका दायर कर दी जिस पर मंगलवार को सुनाया जाएगा सुप्रीम फैसला.