चुनाव आयोग को मद्रास हाईकोर्ट की फटकार, कोरोना की दूसरी लहर के लिए ठहराया जिम्मेदार

मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को लिया आड़े हाथ, मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने कहा-'चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या के आरोप का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए', 'क्या आप किसी अन्य ग्रह पर थे जब चुनावी रैलियां आयोजित की गई थीं?'

चुनाव आयोग को मद्रास हाईकोर्ट की फटकार
चुनाव आयोग को मद्रास हाईकोर्ट की फटकार

Politalks.News. देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. रोजाना करीब तीन लाख से ज्यादा कोरोना के केस सामने आ रहें हैं और 2 हजार से ज्यादा लोग रोजाना अपनी जान गंवा रहे हैं. कोरोना काल में चुनाव करवाना चुनाव आयोग की गले की हड्डी बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग की छिछालेदर तो हो ही रही है, वहीं अब सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग पर जो टिप्पणियां की हैं वो चुनाव आयोग कभी नहीं भूलेगा. कोरोना काल में चुनाव करवाए जाने से जुड़े एक मामले में सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है.

क्या कहा मद्रास हाईकोर्ट ने-
कोरोना काल में चुनाव करवाए जाने के मुद्दे पर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को आड़े हाथ लिया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि- कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार माना जाना चाहिए. मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने कहा- ‘चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या के आरोप का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए’, ‘आपकी संस्था कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है’. हाईकोर्ट में जब चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया गया, वोटिंग डे के दिन कोविड गाइडलाइन्स का का पालन किया गया था. इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए EC से पूछा- क्या आप किसी अन्य ग्रह पर थे जब चुनावी रैलियां आयोजित की गई थीं?’

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…तो काउंटिंग पर लगा देंगे रोक
हाईकोर्ट ने 2 मई को होने वाली काउंटिंग के लिए कहा- अगर चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना नहीं बनाई तो काउंटिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाएगी, सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव के परामर्श पर HC ने चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि मतगणना के दिन COVID प्रोटोकॉल लागू करने की योजना को 30 अप्रैल के दिन अदालत के समक्ष पेश किया जाए. वरना मतगणना पर रोक लगा दी जाएगी.

कोई जिंदा रहेगा तो…
सुनवाई के हाईकोर्ट ने कहा- अगर कोई जिन्दा रहेगा तब ही तो वह अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का लाभ उठा सकेगा, हाईकोर्ट ने कहा- सार्वजनिक स्वास्थ्य सबसे अहम है और यह चिंताजनक है कि संवैधानिक अधिकारियों को ऐसी बातें याद दिलानी पड़ती है. हाईकोर्ट ने कहा कि- स्थिति अब अस्तित्व और सुरक्षा की है इसके बाद सब कुछ आता है’.

चुनाव के बीच बढ़ा कोरोना का कहर
आपको बता दें कि देश के 5 राज्यों में कोरोना काल में ही चुनाव हुआ है. चार राज्यों में तो चुनाव खत्म हो गया है, जबकि बंगाल में अभी भी वोटिंग हो रही है. चुनावी राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद कोरोना के मामले बढ़ने से कई पाबंदियां लगा दी हैं. अगर पूरे देश की बात करें तो हर रोज अब देश में साढ़े तीन लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं. जबकि हालात अब बेकाबू हो गए हैं. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन की किल्लत है और मरीजों की हालत खराब है.

 

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