मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव ने तोड़ दिया 211 साल पुराना मिथक, मुख्यमंत्री मोहन यादव मुख्यमंत्री बनने के बाद शनिवार को पहली बार पहुंचे उज्जैन, यहां उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की और किया 7 किलोमीटर लंबा रोड शो भी, इसके बाद वो अपने परिवार के साथ रुके उज्जैन में ही, उन्होंने कहा- आगे भी वे उज्जैन में रुकेंगे, डॉ. मोहन यादव ने अपने गीता कॉलोनी स्थित पुश्तैनी मकान में बिताई रात, बता दें मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने के साथ ही उठने लगे थे कई सवाल, कि मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में मुख्यमंत्री मोहन यादव रात बिताएंगे या नहीं? ऐसा इसलिए क्योंकि उज्जैन में महाकाल से बड़ा कोई नहीं, इसलिए कोई राजा के रूप में उज्जैन में नहीं रुकता रात्रि को, यह मान्यता सदियों से चली आ रही है कि महाकाल की नगरी में कोई बड़ा नेता, राजा या राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं करते रात्रि विश्राम, क्योंकि बाबा महाकाल खुद ही हैं राजाधिराज, बता दें जो भी राजा उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी में करता है रात्रि विश्राम तो जल्द चले जाती है उसकी कुर्सी, कहा जाता है ऐसा हो चुका है कई मंत्री और मुख्यमंत्रियों के साथ