मध्य प्रदेश के इंदौर से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने जिस मकान को लेकर नगर निगम के अधिकारी पर बल्ला चलाया, उसके बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार इस इमारत को ‘असुरक्षित’ घोषित हुए एक साल से ज्यादा समय हो चुका है. अखबार के मुताबिक इस संबंध में नगर निगम की ओर से पिछले साल नोटिस भी भेजा गया था. तीन अप्रैल, 2018 के इस नोटिस पर भवन अधिकारी के हस्ताक्षर हैं. इसमें लिखा है कि इमारत असुरक्षित घोषित की गई है और इससे लोगों की जान को खतरा है.
नोटिस में यह भी कहा गया कि अगर मकान में रह रहे लोग वहां से नहीं जाते तो किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही नोटिस में इमारत को सील कर गिराए जाने की बात कही गई थी. खबर के मुताबिक मकान की दीवारें कमजोर हैं, इसकी टीन की छत मुश्किल से अपनी जगह पर टिकी है और ढांचे को सपोर्ट देने के लिए बनाए गए खंभे मुड़े हुए हैं. इसके अलावा पहली मंजिल की ओर जाती सीढ़ियां भी कमजोर हो चुकी हैं.
मकान के अंदर बाईं तरफ एक और सीढ़ी है जो पूरी तरह खंडहर हो चुकी है, लेकिन इससे मकान और इलाके में रह रहे लोगों को फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है. उनके लिए आकाश विजयवर्गीय हीरो बन गए हैं. अधिकारी को बल्ला मार कर अस्पताल पहुंचाने वाले भाजपा विधायक फिलहाल जेल में हैं, लेकिन उनके समर्थन में जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं. कहीं उन्हें सलाम किया गया है तो कहीं उन्हें ‘भाजपा का शेर’ बताया गया है.