Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की 15वीं विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल के तीसरा बजट पेश किया. 2 घण्टे 47 मिनिट के अब तक के सबसे लंबे बजट भाषण के दौरान सीएम गहलोत ने जनता के लिए कई तरह की सौगातों का पिटारा खोला. बजट को लेकर अब प्रदेशभर से प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है. वहीं सीएम गहलोत के इस बजट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठे नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं हैं.
‘कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में लाया गया बजट‘
पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘राज्य बजट कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में लाया गया है. बावजूद इसके यह प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाला बजट है. मुझे विश्वास है कि चिकित्सा-स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पेयजल को ध्यान में रखते हुए जो बजट प्रस्तुत किया गया है, वह प्रदेश के लोगों और राज्य को प्रगति प्रदान करेगा.
‘बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया‘
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो बजट पेश किया है उसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. यह बजट विकास करने वाला है. प्रदेश को प्रगति के पथ पर अग्रणी बनाने के लिए जनहित को सर्वोपरि रखकर बजट में घोषणाएं की गई हैं.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बजट को स्वास्थ्य को समर्पित और स्वस्थ राजस्थान का सपना पूरा करने वाला बताया. रघु शर्मा ने कहा कि सभी को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करने के लिए राज्य हैल्थ बिल लाकर हम देश में अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेंगे. राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए की कैशलेस इलाज की सुविधा, सभी जिले में नर्सिग कॉलेज खोले जाने, निःशुल्क जांच योजना का दायरा बढ़ाने, नये पीएचसी खोलने व मौजूद समय में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमोन्नत करने, जयपुर, जोधपुर और भरतपुर के अस्पतालों में नई सुविधाएं शुरू करने की घोषणा राज्य के स्वास्थ्य सेक्टर को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा.
कॉस्मेटिक सा बजट है, इसकी शक्ल तो अच्छी है, पर नीयत ठीक नहीं
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. पूनियां ने कहा कि बजट में घोषणाओं और अमल में बड़ा विरोधाभास है. ये बजट पूरी तरह कट, कॉपी और पेस्ट है. कॉस्मेटिक सा बजट है, इसकी शक्ल तो अच्छी है, पर नीयत ठीक नहीं. पूनियां ने कहा कि इसलिए मुख्यमंत्री घोषणा करके घोषणावीर तो हो गए, लेकिन इस बजट में आंदोलनरत बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं कहा गया. संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की जो पुरानी मंशा थी वह पूरी नहीं हुई है. पूनियां ने कहा इससे पहले के गहलोत सरकार द्वारा जो बजट पेश किए गए उनमें जो स्कूल, कॉलेज या अन्य तमाम इंस्टीट्यूशन खोले गए, उनके इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में कुछ अता-पता नहीं है. भवन नहीं है, स्टाफ नहीं है.
इंदिरा जी, नेहरू जी और राजीव जी के नाम पर रखने के अलावा बजट में नया कुछ नहीं
सतीश पूनियां ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज के बजट में नया क्या है? ये मुख्यमंत्री नहीं बता पाए. केवल कुछ टाइटल इंदिरा जी, नेहरू जी और राजीव जी के नाम पर रखने के अलावा कुछ नहीं किया है. इस बजट में ये कहीं नहीं दिखा कि कोरोना जैसी महामारी के बाद राज्य को कैसे उबारा जाएगा? बजट में इसको लेकर कोई रोड मैप नहीं दिखा. इस बजट के माध्यम से पॉलिटिकली सीएम गहलोत में अपने-आप को बचाने की कोशिश की है.
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बजट को देखकर लग रहा है सरकार को डर है मध्यावधि चुनाव का
गहलोत सरकार के बजट को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बड़ा बयान दिया है. कटारिया ने कहा कि सरकार ने बजट में सारा पिटारा खोलकर ऐसा संकेत दिया है कि शायद राज्य में मध्यावधि चुनाव होने वाले हैं. कटारिया ने कहा कि मैंने पक्ष-विपक्ष में रहकर कई बजट सुने, लेकिन घोषणाओं का इतना लंबा अंबार कभी नहीं सुना. सरकार को भी शायद किसी अनिष्ट का अंदेशा है, इसलिए सरकार ने शायद इतनी घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है. अगर आगे कोई आफत टूट पड़े, तो गिनाने के लिए सरकार के पास भी रहे कुछ घोषणाएं.
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट भाषण सेबजादूगरी के इंद्रजाल की पोल खुल गई. राठौड़ ने इसे घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने की कहावत वाला बजट बताया. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की अलग से कृषि बजट की घोषणा को किसानों को दिया गया झुनझुना बताया है.