देश में लोकसभा चुनाव के मतदान के चार चरण संपन्न हो चुके हैं. पांचवें चरण के लिए मतदान 6 मई को है जिसमें 7 राज्यों की 51 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. पांचवें चरण के लिए चुनाव प्रचार आज खत्म हो चुका है. मतदान का ये चरण अहम है क्योंकि इसी चरण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की किस्मत का फैसला होगा. इस चरण में उत्तर प्रदेश की अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, धौरहरा, सीतापुर, मोहनलाल-गंज, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा और बिहार की सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण, हाजीपुर सीट पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इसी चरण में होगा.
राजस्थान की श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर (ग्रामीण), जयपुर (शहर), अलवर, भरतपुर, दौसा, नागौर, करौली-धौलपुर सीट पर भी चुनाव पांचवे चरण में है.
मध्य प्रदेश की टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद और बेतूल और जम्मु-कश्मीर की अनंतनाग, लद्दाख, झारखंड की हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, रांची में मतदान इसी चरण में है.
पश्चिम बंगाल की बनगांव, बराकपुर, हावडा, उलुबेरिया, सीरमपुर, हुगली, आरामबाग सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा.
चुनाव के इस चरण कुछ वीआईपी सीटें शामिल हैं. इनमें पहले नंबर पर यूपी की अमेठी सीट है जहां मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच है. यहां सपा-बसपा-रालोद ने प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है. वहीं रायबरेली में मुकाबला यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह के बीच है. बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस की तरफ से विधानपरिषद सदस्य चुने गए थे लेकिन वो चुनाव से पूर्व बीजेपी में शामिल हो गए.
लखनऊ में भी इस बार मुकाबला दिलचस्प है, गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला गठबंधन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा और कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद कृष्णम से है. बता दे कि पूनम सिन्हा हाल ही बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा की धर्मपत्नी है.
बहराइच लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है. यहां की वर्तमान सांसद सावित्री फूले ने चुनाव से पूर्व बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है. उनका सामना गठबंधन के शब्बीर वाल्मिकी और बीजेपी के अक्षयवर लाल गौड़ से है.
बिहार की सारण लोकसभा सीट पर मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी और महागठबंधन में राजद के उम्मीदवार चंद्रिका राय के बीच है. चंद्रिका राय लालु यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव के ससूर है. चंद्रिका राय को टिकट देने का तेजप्रताप ने खुलकर विरोध किया था और उनके खिलाफ प्रत्याशी उतारने का भी एलान किया था . बताते चलें कि साल 2009 के चुनाव में लालु यादव यहां से सांसद चुने गए थे. लेकिन 2014 के चुनाव में उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी से हार का सामना करना पड़ा था.
हाजीपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला लोजपा और राजद के मध्य देखने को मिल रहा है. लोजपा ने यहां बिहार सरकार के मंत्री पशुपति कुमार पारस को उम्मीदवार बनाया है, मुकाबला राजद के शिवराम से है. बता दें कि पशुपति पारस केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई है. रामविलास पासवान इस सीट से 8बार सांसद चुने गए है. लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नही लड़ने का फैसला लिया है.
बीकानेर में मुकाबला दो भाइयों के बीच है. बीजेपी से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और कांग्रेस की तरफ से मदन मेघवाल मैदान में है. ये दोनो ब्यूरोक्रेट रह चुके है. साथ ही मौसेरे भाई भी है. अर्जुनराम 2009 और 2014 में यहां से सांसद रह चुके हैं. इस बार उन्हें स्थानीय नेता देवी सिंह भाटी के विरोध का सामना करना पड़ रहा है जो उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
जयपुर ग्रामीण में मुकाबला दो ओलंपियनंस के बीच है. बीजेपी की तरफ से एंथेस ओलंपिक के रजत पदक विजेता और वर्तमान सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को चुनावी समर में हैं. कांग्रेस ने सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया पर दांव खेला है.
सतना बीजेपी का किला है. यहां बीजेपी साल 1998 से लगातार चुनाव जीतती आ रही है. सतना में मुकाबला बीजेपी के गणेश सिंह और कांग्रेस के राजा राम त्रिपाठी के बीच है. गणेश सिंह इस सीट से लगातार तीन बार से सांसद है. 2014 में कांग्रेस को यहां सिर्फ 9 हजार वोटों से हार झेलनी पड़ी थी. इस बार यहां मुकाबला कड़ा होगा, इसमें कोई दोराय नहीं है.
हजारीबाग में मुकाबला केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और कांग्रेस के गोपाल साहु के बीच है. जयंत सिन्हा बीजेपी के दिग्गज नेता रहे यशवंत सिन्हा के पुत्र है. वो इस सीट से 2014 में सांसद चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को करीब एक लाख 59 हजार वोटों से हराया था.