केंद्र सरकार ने संसद का मौजूदा सत्र बढ़ाने की तैयारी कर ली है. इस सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र कुछ दिन और बढ़ने के पूरे आसार बन गए हैं. मंगलवार को हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में अमित शाह ने संकेत दिया है कि संसद का सत्र कम से कम 15 दिन बढ़ाया जा सकता है. भाजपा सांसदों से इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. कांग्रेस सत्र की अवधि बढ़ाने का विरोध कर रही है और अन्य विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस से सहमत हैं.
संसद का मौजूदा बजट और मानसून सत्र 17 जून से शुरू हुआ था. इसका समापन शुक्रवार 26 जुलाई को होना था. नई लोकसभा का गठन होने के बाद अब तक संसद की स्थायी समितियों का गठन नहीं हो पाया है. सरकार इस परिस्थिति का लाभ उठाते हुए कम से कम 35 विधेयक पारित करा लेना चाहती है. सरकार को आशंका है कि स्थायी समितियों का गठन होने के बाद विधेयकों को पारित कराने में देर लगेगी और विवादास्पद विधेयक पारित होना मुश्किल हो सकता है.
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि संसद में 10 कार्यदिवस और बढ़ाने का फैसला किया गया है. सरकार का लक्ष्य इस सत्र में 35 विधेयक पारित कराने का है. इनमें तीन तलाक विधेयक भी शामिल है. सूचना है कि संसद का सत्र 9 अगस्त तक चलेगा. इस तरह संसद का सत्र 15 दिन और बढ़ने की पूरी संभावना है.
सरकार ने सत्र की अवधि कम से कम एक हफ्ता बढ़ाने के संकेत दिए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे दो हफ्ते और बढ़ाने का फैसला कर लिया, जिससे कि सरकार के लंबित विधायी कामकाज निबटाए जा सकें. चालू सत्र में 10 और बैठकें किए जाने का पहला संकेत भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में मिल गया था, जिसमें अन्य सांसदों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे.
बैठक के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सांसद मनोज तिवारी ने कहा था कि संसद सत्र में सात से 10 दिन तक की वृद्धि के संकेत हैं. लंबित विधायी कार्य निबटाने के लिए सत्र इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. प्रहलाद जोशी का कहना है कि सत्र आगे बढ़ना तय है, लेकिन फिलहाल इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सत्र को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने उनके साथ कोई विचार विमर्श नहीं किया है.
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी संसद सत्र की अवधि बढ़ाने के सख्त खिलाफ है. संसद का सत्र बढ़ाने का कार्य सरकार का विशेषाधिकार नहीं माना जा सकता. नई लोकसभा के पहले सत्र में बजट ओर वित्त विधेयक पारित होने का कार्य संपन्न हो चुका है.
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जल संरक्षण के मुद्दे पर विस्तार से प्रजेंटेशन दिया. इसमें उन्होंने करीब 15 मिनट का समय लिया. इसमें उन्होंने जल संरक्षण, पानी के दुबारा उपयोग, किफायत से उपयोग और पानी बचाने की आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अलग से जल संसाधन मंत्रालय इसलिए बनाया है, जिससे 2024 तक देश में जल संकट दूर किया जा सके.
बैठक में मोदी ने संबोधित नहीं किया. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप भाजपा सांसदों को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर 150 किलोमीटर की पदयात्रा करनी चाहिए और जनता को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए. इस मौके पर उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र में समारोह का आयोजन करना चाहिए. उन्होंने इस दिशा में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूचना पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजने के लिए कहा है.