पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को दिनभर चली घंटो की बहस और विपक्ष की तीखी तकरार के बाद आखिर देर रात लोकसभा में पास हो ही गया. बिल के पक्ष में 311, जबकि विरोध में 80 वोट पड़े. बिल पास हाने से पहले सदन में दिन भर चली चर्चा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सभी सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि ये बिल लाखों- करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है. इस बिल के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा. किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है. अमित शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती, सदन को ये स्वीकार करना होगा कि धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है. जिस हिस्से में ज्यादा मुस्लिम रहते थे वो पाकिस्तान बना और दूसरा हिस्सा भारत बना. अब इस बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा लेकिन राज्यसभा में पास करवाना बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा.
नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के साथ ही यह दिन संसदीय इतिहास एक ऐतिहासिक दिन भी बन गया क्योंकि इससे पहले बहुत कम ऐसे मौके आये हैं जब संसद की कार्रवाई इतनी देर रात तक चली हो.
जानिए कब-कब देर रात तक चला सदन
- लोकसभा में सोमवार 09 दिसंबर, 2019 की तारीख संसदीय इतिहास के उन पन्नों में दर्ज हो गई जब सदन में देर रात तक कार्यवाही हुई. नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर सुबह 11 बजे से शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही देर रात साढ़े बारह बजे तक चली.
- 11 जुलाई, 2019 को रेल्वे की अनुदान मांगों पर सदन की कार्यवाही रात करीब 12 बजे तक चली.
- 09 जुलाई, 2019 को लोकसभा में बजट पर चर्चा के लिए देर रात लगभग 12 बजे तक कार्यवाही चली.
- 20 जुलाई, 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा की कार्यवाही रात 11.15 तक चली.
- 29 दिसम्बर, 2011 को लोकपाल और लोकायुक्त बिल, 2011 के लिए रात साढ़े बारह बजे तक चली राज्यसभा की कार्यवाही.
- 8 जून, 1998 को शुरू हुई संसद की कार्यवाही दूसरे दिन सुबह 6:40 बजे तक चली थी. उस समय नीतीश कुमार रेल मंत्री और जीएमसी बालयोगी लोकसभा के स्पीकर थे
- 26 जुलाई, 1996 को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही 27 जुलाई की सुबह सवा सात बजे तक लगातार 20 घंटे तक चर्चा चली थी. इस दौरान 111 सदस्यों ने अपनी बात सदन में रखी थी