Politalks.News/BiharPolitics. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को राज्य के गरीबों को सलाह दी कि वे शराब पीने की कला अमीर लोगों से सीखें, जो नशा के बाद हंगामा नहीं करते और चुपचाप सो जाते हैं. आपको बता दें कि बिहार में नीतीश सरकार ने शराबबंदी लागू कर रखी है और मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार है. दरअसल, जीतनराम मांझी ने एक शराबी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र करते हुए मीडिया से बात कर रहे थे. माझी ने कहा कि, ‘अनर्थ हो रहा है’ मामले में एक व्यक्ति काम के बाद शराब पीकर सड़क किनारे बैठकर हंगामा कर रहा था तभी पुलिस वहां पहुंच जाती है और उस आदमी की सांस से शराब की जांच के बाद उस व्यक्ति को जेल भेज दिया गया.
इस पर हम के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने कहा कि एक या दो पैग लेने में ‘कुछ भी गलत नहीं है. बल्कि उन्हें बड़े साहबों का अनुकरण करना चाहिए जो चुपचाप रात में कुछ घूंट का आनंद लेते हैं और सो जाते हैं. इसलिए, कभी पकड़े नहीं जाते.’ इस दौरान मांझी ने चिकित्सकीय आधार पर सीमित मात्रा में शराब के फायदे बताने वाले अखबार के लेखों का भी हवाला दिया.
आपको बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध है. विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य की महिलाओं से नीतीश कुमार के वादे के बाद प्रतिबंध का यह कदम उठाया गया था. जबकि जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन प्रदेश की नीतीश सरकार में मंत्री हैं. मांझी ने कहा, ‘गरीब, मजदूर चाहे वे किसी भी जाति, धर्म के हों, दिनभर कठिन मेहनत के बाद आराम चाहते हैं, लेकिन पीने के बाद हंगामा के कारण वे बदनाम हैं. अगर वे सही से पीना सीख जाएं और संयमित रहें तो कोई परेशानी नहीं होगी.’
यह भी पढ़ें: अब दिन-रात कभी भी फहरा सकते हैं तिरंगा, स्वतंत्रता दिवस के लिए सरकार ने किया नियमों में बड़ा बदलाव
गौरतलब है कि बिहार में कई नेता दबी जुबान से शराबबंदी के कारण असुविधा की बात कहते हैं, हालांकि मांझी जैसे कुछ ही नेता हैं जो सरेआम ऐसे सवालों पर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि जब तक वह पद पर रहेंगे शराबबंदी कानून रहेगा और जिन लोगों या बाहर से आने वालों को इस कानून से असुविधा होती है उन्हें या तो आदत बदल लेनी चाहिए या राज्य आने से परहेज करना चाहिए.