Politalks.News/BiharPolitics. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी के बीच जारी जुबानी जंग से एक बार बार फिर प्रदेश की सियासत गरमा गई है, जिसकी धमक दिल्ली तक सुनाई दी. वहीं दोनों के बीच के हुए आरोप-प्रत्यारोप सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रेंड हो रहे हैं. तमाम यूजर्स इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. मामला राज्य में कोविड-19 की व्यवस्थाओं को लेकर जुड़ा हुआ है. जिसकी शुरुआत बिहार में राष्ट्रीय जनता दल नेता लालू प्रसाद यादव के पुत्र की ओर से की गई थी.
बता दें कि तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर अनुमति मांगी. लेकिन जेडीयू और भाजपा के नेताओं ने तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए कहा कि सरकारी आवास में कोविड केयर सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसके बाद इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अपने सरकारी आवास को कोविड केयर सेंटर के तौर पर इस्तेमाल करने की पेशकश करने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सवालों की झड़ी लगाते हुए तंज कसे.सुशील मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स करते हुए तेजस्वी को लिखा, ‘उन्होंने राबड़ी देवी के 10 फ्लैट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति देवी से गिफ्ट में मिले दो मंजिला मकान में अस्पताल क्यों नहीं खोला?’ सुशील मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, ‘तेजस्वी प्रसाद यादव को सरकारी आवास के बजाय अवैध तरीके से पटना में अर्जित दर्जनों मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज होता.’ पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने आगे एक अन्य ट्वीट में कहा कि, ‘तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डाक्टर हैं, कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गईं.’ भाजपा नेता ने आगे कहा कि, ‘यदि राष्ट्रीय जनता दल नेतृत्व में गरीबों की सेवा के लिए तत्परता और गंभीरता होती, तो अस्पताल शुरू करने के लिए पहले सरकार से अनुमति ली जाती और उसके मानकों का पालन किया जाता.
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सुशील मोदी के इस बयान के बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य आपे से बाहर हो गईं. इसके बाद लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने सुशील मोदी के हर ट्वीट के अलग से जवाब देते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई. सुशील मोदी के खिलाफ लगभग मोर्चा खोलते हुए रोहिणी ने अपने बिहारी अंदाज में ट्वीट किया, ‘आज के बाद मेरी बहनो पे ई भगोड़ा बोला ना तो बताना मुझे, इसकी बकलोलि ना छुड़ा दिए तब देखना.’एक अन्य टवीट में रोहिणी ने लिखा- इतना ज्ञान देने से पहले खुद तुम और तुम्हारे भाई ने जो राष्ट्रकवि दिनकर जी की जमीन हड़पी है उसपे क्यों नही कोविद सेंटर खोल दे रहे हो? वैसे आज कल तेरी सृजन चोरनी /चावल चोरनी /कान कटनी बहन कहा है, कही चोरी करने का ट्रेनिंग अपने बेटों के साथ तो नहीं लगा दिया!!’
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रोहिणी ने अपने अगले ट्वीट लिखा, ‘ई त ऐकर किस्मत आज अच्छा बांटे, नहीं तो हम उहां रहती त इनका आज अच्छें से इलाज कर देतीं! इ अपन सृजन चोरनी बहन का खूब सेवा लिए और खूब मेवा खाए है, बहुत जल्द ही सेवा का मेवा लाल से हिसाब होगा.’रोहिणी आचार्य ने दो अन्य ट्वीट्स में आगे लिखा कि, ‘आज के बाद से मेरा या मेरी बहनों का नाम लिया ना ये लीचर तो मुंह थूर देंगे आकर! भाग यहां से राजस्थानी मेंढक. ई सुशील मोदी थेथर है सुधरेगा नहीं जब तक बिहार की बेटियों से थुरायगा नहीं. खबरदार आज के बाद तू या तेरे भोंपू मेरे या मेरी बहनों के बारे में बोले ना तो समझ लेना, जा कर अपनी सो कॉल्ड प्रोफेसर बीवी (पता है कैसे बनी) से पूछ लेना कि बेटियों से कैसे बात किया जाता है.’एक और ट्वीट करते हुए रोहिणी ने लिखा कि ‘कान खोल कर सुन ले ये जनता की दी हुई है, जो मेरा भाई जनता के नाम समर्पित कर सेवा करना चाह रहा है, तुम्हारे तरह नहीं कि जनता के पैसे पे अपने ऐश कर रहा है. जो चोर दरवाजा से हर बार हासिल करता है. हिम्मत है तो जनता द्वारा चुन कर आ.’पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और लालू प्रसाद यादव की बेटी के बीच हुई अमर्यादित ट्वीटर वॉर के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. कई यूजर्स ने ट्रेंड करते हुए लिखा कि सुशील मोदी को तेजस्वी की बहना और लालू की बेटी पर तंज कसना महंगा पड़ गया.