अब भी गरीबों के ‘मसीहा’ हैं लालू यादव! जाने-अनजाने में ये क्या बोल गए सुशील मोदी?

बिहार में कोरोना टीके पर गरमाई सियासत, सुशील मोदी के निशाने पर लालू परिवार, लेकिन निशाना साधते-साधते सुशील खुद ही घिर गए, लालू प्रसाद यादव को बता गए गरीबों का नेता, क्या सुशील मोदी को नीतिश सरकार के कोरोना वैक्सीनेशन पर नहीं है भरोसा, क्या लालू जब वैक्सीन लगाएंगें तभी गरीबों के मन से संशय होगा खत्म?

क्या अब भी गरीबों के नेता हैं लालू!
क्या अब भी गरीबों के नेता हैं लालू!

Politalks.News/BiharPolitics. बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सियासत चरम पर है. कोविड-19 का टीका न लगवाने को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए की ओर से आलोचना झेल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने एक साथ रूसी स्पुतनिक-वी का टीका लगवा लिया है, लेकिन अब स्पुतनिक-वी टीका लगवाने को लेकर भी दोनों भाइयों पर राजग ने तंज कसा है. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि- ‘कोरोना टीकाकरण अभियान को काल्पनिक बताने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी आखिकार आज टीका लगवा ही लिया, अच्छी बात है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने काफी देर से ही सही कोरोना की वैक्सीन ले ली, दोनों भाइयों को अब राजनीतिक बातें भूल कर अपने माता-पिता को भी टीका लगवाने के लिए तैयार करना चाहिए’.

लेकिन इसके बाद सुशील मोदी ने एक ट्विट में लिखा कि ‘जमानत मिलने का अच्छा उपयोग यही होगा कि लालू प्रसाद पटना में राबड़ी देवी को साथ लेकर कोरोना का टीका लें, इससे गरीबों, ग्रामीणों के बीच वैक्सीन को लेकर संशय दूर होगा और टीकाकरण की गति बढ़ेगी‘. अब इस ट्वीट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है. क्या इसका यह मतलब नहीं है कि बिहार के गरीब और गांव के नेता अब भी लालू प्रसाद ही हैं? तभी तो सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी टीका लगवाएं तो गरीबों और ग्रामीणों का संशय दूर होगा.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस को कब मिलेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष? कोरोना के नाम पर कब तक बचती रहेगी ‘ग्रेट ओल्ड पार्टी’

क्या ये माना जाए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और खुद सुशील मोदी टीका लगवा चुके हैं लेकिन उससे गरीब और ग्रामीणों का संशय नहीं दूर हो रहा है, उनका संशय दूर करने और टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लालू और राबड़ी टीका लगवाएं! क्या नीतिश कुमार और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार के कोरोना टीका लगवाने से कोई संदेश नहीं गया बिहार की गरीब जनता के बीच?

दरअसल बिहार में अफवाह फैली है वैक्सीनेशन प्रक्रिया सरकार की साजिश हैं. अफवाह के शिकार हुए लोगों में यह भ्रम फैल गया है कि वैक्सीन लेने से जान चली जाएगी. कई इलाकों में यह अज्ञानता इस कदर गहरे पैठ कर गई है कि वे अधिकारियों की बात भी नहीं सुन रहे हैं और स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति से ‘अंबेडकर स्मारक’ का शिलान्यास करवा योगी ने चला दलित कार्ड, मायावती ने बताया नाटकबाजी

इधर, तेजस्वी और तेजप्रताप के निजी अस्पताल में टीका लगवाने पर भी सुशील मोदी ने तंज कसा है सुशील मोदी ने कहा- ‘तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने यदि निजी अस्पताल के बजाय एम्स, आइजीआइएमएस या किसी अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के टीके लिए होते, तो जनता के बीच अच्छा संदेश जाता.’ बता दें कि तेजस्‍वी और उनके भाई तेजप्रताप ने पटना के मेदांता अस्‍पताल में स्‍पुतनिक वैक्‍सीन लगवाई है. हालांकि बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने बाद में कहा- ‘हमने स्पुतनिक टीका लिया, बहरहाल टीका, टीका होता है. इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह भारतीय है या विदेशी’.

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी काफी समझदार और व्यवस्थित तरीके से काम करने वाले नेता माने जाते हैं. यह अलग बात है कि उनकी पिछले 30 साल की राजनीति लालू प्रसाद यादव के विरोध पर ही टिकी हुई है. लेकिन सुशील मोदी कई बार ऐसे बयान दे जाते हैं जिससे वो और राजग गठबंधन खुद घेरे में
आ जाता है.

Leave a Reply