राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक व्यक्ति की बिजली के करंट से मौत होने के बाद सांगानेर के भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने अपनी राजनीति चमकाने का मौका खोज लिया. त्रिवेणी नगर स्थित एक बस्ती में हाईटेंशन लाइन के नीचे बने एक मकान में शनिवार देर रात करंट दौड़ गया जिससे एक आदमी की मौत हो गई. इस पर विधायक अशोक लाहोटी अस्पताल पहुंच अपनी राजनीति चमकाने के लिए परिजनों के लिये 5 लाख के मुआवजे की मांग करते हुए हंगामा करने लगे. जबकि परिजन मृतक का शव लेकर अपने गांव जाने लगे थे.

हादसा शनिवार देर रात का है, त्रिवेणीनगर स्थित सीताराम बस्ती में हाईटेंशन लाइन के निचे बने मकान में बिजली के करंट लगने से उसमें रहने वाले 45 वर्षीय सीताराम बैरवा की मौत हो गई और उसकी पत्नी, बेटा, बेटी झुलस गए. घर से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर बस्ती के लोग दौड़े और सबसे पहले बिजली की सप्लाई रुकवाई. उसके बाद सीताराम की पत्नी और बेटे-बेटी को जयपुरिया अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने सीताराम बैरवा के मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शुरू हुई शव पर राजनीति.

हादसे की सूचना जैसे ही सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी को मिली तो उन्हें बैठे बिठाए कांग्रेस के खिलाफ राजनीति करने का एक मौका मिल गया. बस कुछ ही देर में लाहोटी जयपुरिया अस्पताल पहुंच गए और अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए. हादसे को लाहोटी द्वारा राजनीतिक मोड़ देने के प्रयास को देखते हुए कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज और कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा भी समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंच गए. करीब आधा घण्टे तक दोनों पक्ष आमने-सामने रहे और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे और अस्पताल में हल्ला मच गया. हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बीच बचाव करने पहुंचना पड़ा.

सबसे बड़ी बात जब परिजन मृतक सीताराम का शव उसके पैतृक गांव टोडारायसिंह ले जाने के लिए रवाना हुए, तब अशोक लाहोटी समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए और परिजनों को सरकार से मुआवजे की मांग समझाने लगे. परिजनों को सरकार से पांच लाख रुपए मुआवजा देने के साथ ही सीताराम नगर से हाईटेंशन लाइन हटाने की मांग करते हुए लाहोटी समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. इस पर जब कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा और पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने लोगों को समझाने का प्रयास किया तो दोनों पक्षों के बीच फिर झड़प शुरू हुई और जमकर नारेबाजी होने लगी.

अस्पताल में बढ़ते तनाव रोकने के लिए दोनों पक्षों के बीच समझौता वार्ता हुई. दोनों पक्षों में हादसे की जांच एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन पर समझौता हुआ. तीन सदस्यीय समिति हादसे के पीछे कारणों की जांच करेगी और सात दिन बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. अशोक लाहोटी ने बताया कि यह बस्ती में दूसरी घटना है, इससे पहले एक मकान की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. उसमें भी सरकार ने आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया है.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने कहा कि हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अस्पताल में नारेबाजी करना बिलकुल ठीक नहीं है. इससे अन्य मरीजों को कितनी असुविधा होती है, नारेबाजी करने वालों को यह बात समझनी चाहिए. भाजपा इस तरह एक व्यक्ति की मौत पर ओछी राजनीति कर रही है. सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने अस्पताल के बाकी मरीजों की बिलकुल भी परवाह नहीं कि जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं.

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