संक्रमण के मामलों में राहत के बीच वैक्सीन की कमी ने बढ़ाई चिंता, अब ग्लोबल टेंडर के लिए SC जाएगी गहलोत सरकार

प्रदेश में एक दिन में 3886 नए कोरोना पॉजिटिव आए सामने वहीं 107 लोगों की हुई मौत, 13192 मरीज हुए रिकवर, अगर इन कंपनियों की रेट पर वैक्सीन ली जाए तो सरकार का बजट बुरी तरह गड़बड़ा जाएगा, वहीं 30 दिन में 1 करोड़ डोज देने की स्थिति में भी यह कंपनियां नहीं हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा ग्लोबल टेंडर की करेंगे अपील

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी आने से जहां बड़ी राहत मिली है वहीं अब वैक्सीन की कमी ने चिंता बढ़ा दी है. केंद्र ने वैक्सीन के मामलों पर राज्यों को अपने हाल पर छोड़ दिया है, मतलब राज्य सरकारें स्वयं अपने स्तर पर वैक्सीन की खरीद करे. ऐसे में राजस्थान की गहलोत सरकार ने ग्लोबल टेंडर भी जारी किया लेकिन विदेशी कम्पनियों के डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा वैक्सीन के चार से पांच गुना तक दाम बढ़ाने के साथ अन्य कई दिक्कतों के चलते ग्लोबल टेंडर फेल हो गया. इससे पहले राहत की बात यह रही कि प्रदेश बुधवार को भी संक्रमितों की संख्या में कमी बनी रही. प्रदेश में हुई 49,041 जांचों में से सिर्फ 3886 नए कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं. हालांकि मौतों में राहत नहीं है. प्रदेश में एक दिन में 107 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. वहीं 24 घंटों में 13192 मरीजों के रिकवर होने के बाद अब एक्टिव केस घटकर 78126 ही रह गए हैं.

वहीं दूसरी तरफ विदेशों से वैक्सीन आयात करने के लिए निकाला गया गहलोत सरकार का ग्लोबल टेंडर फेल होने के बाद अब राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही है. राज्य सरकार कोर्ट से मांग करेगी कि वो केंद्र सरकार को 18 से 44 साल वालों के लिए वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर बुलाने का निर्देश दे. एक दो दिन में याचिका दायर होने की संभावना है. दरअसल, राज्य सरकार का कहना है कि ग्लोबल टेंडर के लिए कंपनियों की जगह उनके डिस्ट्रीब्यूटर्स सामने आ रहे हैं, जो 300 रुपए की वैक्सीन के लिए 1100 रुपए मांग रहे हैं. टेंडर में सीधी कंपनियां के आने की जगह स्पूतनिक, रिथेरा, एस्ट्रेजेनेका, कोवीशील्ड के डिस्ट्रीब्यूटर्स आए हैं. विदेशी कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर्स 900 से 1100 रुपए प्रति डोज की रेट बता रहे हैं. एस्ट्रेजेनेका के डिस्ट्रीब्यूटर्स की रेट भी 500 से ज्यादा आ रही है, जबकि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट इसका उत्पादन कर रही है.

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आपको बता दें, सीरम इंस्टीट्यूट 150 रुपए में भारत सरकार को और 300 रुपए में राजस्थान को वैक्सीन दे रही है. ऐसे में ग्लोबल टेंडर में वैक्सीन की रेट इतनी ज्यादा है जो देना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है. वहीं फिर सीधे वैक्सीन कंपनियों ने ग्लोबल टेंडर में भाग नहीं लिया, वैक्सीन कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर्स की क्षमताएं टेस्टेड नहीं. इसके साथ ही बहुत ज्यादा रेट के बावजूद भी इनकी 30 दिन में एक करोड़ डोज सप्लाई देने की गारंटी नहीं हैं. इन सबके अलावा ग्लोबल टेंडर में भाग लेने वाले वैक्सीन कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर्स के क्रेडेंशियल्स की पूरी प्रक्रिया में विदेश मंत्रालय, विदेशी दूतावासों से होकर गुजरने की लंबी प्रक्रिया है. ऐसे में बिडर सही है या नहीं यह जांचने की राजस्थान सरकार के पास पुख्ता व्यवस्था नहीं है.

ग्लोबल टेंडर केंद्र ही करे, इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे- रघु शर्मा
इस मामले पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि, वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर भारत सरकार को ही करना चाहिए. हम इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, जल्द याचिका दायर कर रहे हैं. ग्लोबल टेंडर में आने वाली विदेशी कंपनियां सही हैं या नहीं, उनके क्रेडेंशियल्स जांचने के लिए दूतावासों और संबंधित देशों से संपर्क करना होता है. रघु शर्मा ने कहा यह काम केंद्र सरकार स्तर का है, विदेश में तो भारत सरकार ही बात करेगी. राज्यों के ग्लोबल टेंडर में इस तरह की व्यावहारिक दिक्कतें हैंं. हम सुप्रीम कोर्ट में इन्हीं सब तथ्यों को रखेंगे.

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रघु शर्मा का कहना है कि अगर इन कंपनियों की रेट पर वैक्सीन ली जाए तो सरकार का बजट बुरी तरह गड़बड़ा जाएगा. वहीं 30 दिन में 1 करोड़ डोज देने की स्थिति में भी यह कंपनियां नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा ग्लोबल टेंडर में आई कंपनियों की दरें बहुत ज्यादा हैं. साथ ही दिए गए समय में सप्लाई की गारंटी का भी इश्यू है.

आपको बता दें, राजस्थान सरकार ने पहले सीरम इंस्टीट्यूट को 1 करोड़ डोज वैक्सीन सप्लाई का ऑर्डर दिया था, लेकिन सीरम भी एक साथ वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा. अब तक केवल 16 लाख डोज मिले हैं. सरकार ने युवाओं के वैक्सीनेशन में देरी से बचने के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला लेकिन वहां रेट से लेकर बहुत सी व्यावहारिक दिक्कतें आ गई. गौरतलब है कि राजस्थान के अलावा पंजाब, यूपी सहित कई राज्यों के ग्लोबल टेंडर भी फेल हो चुके हैं.

वहीं बुधवार को आई चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के बाद प्रदेश में अब तक के आंकड़ों की बात करें तो कुल 1,03,66,512 लोगों की कोरोना जांचें हुई हैं. इनमें से 927746 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. कुल 841602 लोग इस संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं. प्रदेश के कुल 8018 लोगों की जान इस संक्रमण से जा चुकी है. प्रदेश के 20 जिलों में नए मरीजों की संख्या 100 से कम रहने के बाद अब दूसरी लहर से राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.

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बीते 24 घण्टों में सामने आए कोरोना संक्रमित मरीजों की बात करें तो कोरोना के जयपुर में 779, जोधपुर 340, अलवर 284, हनुमानगढ़ 202, श्रीगंगानगर 201, उदयपुर 201, पाली 151, सीकर 145, कोटा 136, बीकानेर 133, अजमेर 111, चित्तौड़गढ़ 111, झुंझुनूं 107, जैसलमेर 98, चूरू 93, नागौर 90, डूंगरपुर 87, बाड़मेर 85, भरतपुर 59, बांसवाड़ा 57, झालावाड़ 49, बारां 45, राजसमंद 45, प्रतापगढ़ 36, दौसा 35, भीलवाड़ा 34, सिरोही 34, टोंक 33, बूंदी 32, करौली 26, सवाईमाधोपुर 23, धौलपुर 22, जालौर से दो नए मरीज मिले हैं.

वहीं प्रदेश में बीते 24 घण्टों में हुई मौतों पर नजर डालें तो जयपुर में 18, जोधपुर में 9, उदयपुर 9, पाली 7, सीकर 6, कोटा 5, राजसमंद 5, बीकानेर 5, झालावाड़ 5, डूंगरपुर 5, श्रीगंगानगर 4, हनुमानगढ़ 3, चूरू 3, अजमेर 3, अलवर 3, झुंझुनूं 3, बांसवाड़ा 2, बाड़मेर 2, भरतपुर 2, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, सिरोही, धौलपुर, जैसलमेर, जालौर में एक-एक मरीज की मौत हुई है.

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