जन्माष्टमी पर टूटी ‘कृष्ण-अर्जुन’ की जोड़ी, तेजू भैया का नया अवतार तो तेजस्वी-जगदानंद की छुट्टी

लालू परिवार के लालों की तकरार सड़कों पर, नहीं थम रही वर्चस्व की लड़ाई, 'चाचा' से नाराज तेज प्रताप का नया दांव , जन्माष्टमी के बधाई पोस्टर में तेजप्रताप का बड़ा अवतार, भाई तेजस्वी और 'प्रधान' जगदानंद की फोटो गायब, लेकिन ट्विटर पर कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी बरक़रार, जगदानंद को वहां भी नहीं मिली जगह

जन्माष्टमी के मौके पर टूटी 'कृष्ण-अर्जुन' की जोड़ी
जन्माष्टमी के मौके पर टूटी 'कृष्ण-अर्जुन' की जोड़ी

Politalks.News/Bihar. बिहार में लालू परिवार में उठी पद की प्रतिस्पर्द्धा ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच खींची लकीर अब किसी से छिपी नहीं है. हालांकि तेजप्रताप यादव कई बार यह कह चुके हैं चाहे जितना षड्यंत्र रचो कृष्ण-अर्जुन की ये जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे!. लेकिन राजधानी पटना में लगे पोस्टरों ने राजद में छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई को एक नई हवा दे दी है. एक ओर तेजप्रताप तेजस्वी को कृष्ण और खुद को अर्जुन बता रहे हैं तो दूसरी और पटना की सड़कों पर पटे पोस्टर एक अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. जन्माष्टमी के मौके पर राजधानी पटना में जगह-जगह पर पोस्टर लगाएं गए हैं, जिनमें तेजप्रताप यादव की बड़ी फोटो है. साथ ही इन पोस्टरों में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव एवं राबड़ी देवी की फोटो के दाथ प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी गई है. लेकिन इस पोस्टरों में तेजस्वी यादव की तस्वीर कहीं दिखाई नहीं दे रही. वहीं पार्टी अध्यक्ष जगदानंद सिंह की फोटो भी पोस्टर से गायब है.

राजद में नहीं थम रही पोस्टर वार
दरअसल पिछले कुछ दिनों से लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव पार्टी से काफी उखड़े-उखड़े नजर आ रहे हैं. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ तेजू भैया की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है. राजद छात्र इकाई का अध्यक्ष बनाये गए आकाश यादव, ‘जिन्होंने हाल ही में LJP का दामन थाम लिया’, उन्हें अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से तेजप्रताप और जगदानन्द सिंह आमने-सामने है. उस दौरान भी पार्टी कार्यालय के बाहर RJD के पोस्टर में तेजस्वी यादव को एंट्री नहीं दी गई थी, और तेजस्वी समर्थकों ने RJD के इन पोस्टरों पर कालिख पोत दी थी. उन पोस्टर में भी लालू, राबड़ी, तेजप्रताप और तत्कालीन छात्र इकाई अध्यक्ष आकाश यादव की फोटो थी लेकिन तेजस्वी यादव को उस पोस्टर में जगह नहीं मिली थी.

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जन्माष्टमी के पोस्टर में नहीं मिली तेजस्वी-जगदानंद को जगह
वहीं जन्माष्टमी के मौके पर राजधानी पटना में लगे पोस्टरों ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. राजधानी में लगे पोस्टरों में तेजप्रताप यादव की एक बड़ी सी फोटो नजर आ रही है और साथ ही पोस्टर में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की फोटो तो है लेकिन इन पोस्टरों से तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह सिंह की फोटो गायब है. तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में RJD का फिलहाल सबसे बड़ा और प्रमुख चेहरा हैं और RJD की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार भी है, तो इस नाते उनकी फोटो पोस्टर में होनी चाहिए. तो वहीं जगदानंद सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी दिग्गज नेताओं में से एक है लेकिन उनको भी इन पोस्टरों में जगह नहीं मिली. हालांकि तेजप्रताप और जगदानंद सिंह के बीच छिड़ी सियासी जंग किसी से छिपी नहीं है लेकिन तेजस्वी यादव का इन पोस्टरों से गायब होना लालू परिवार में छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई को और हवा दे रहा है.

ट्वीटर पर दिखे तेजस्वी लेकिन जगदानंद रहे नदारद
हालांकि तेजप्रातप यादव ने एक ट्वीट करते हुए एक पोस्टर शेयर किया और प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं भी दी. तेजू भैया द्वारा शेयर किये गए इस पोस्ट तेजस्वी को जगह दी गई है, लेकिन जगदानंद सिंह को यहां भी जगह नहीं मिली. पटना की मुख्य सड़कों पर पोस्टरबाजी के बाद राजनीतिक हलकों में अब तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. खासकर तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के संबंधों को लेकर भी काफी चर्चा है कि लालू के दोनों बेटों के बीच सबकुछ शायद ठीक नहीं चल रहा है. तेजस्वी यादव जगदानंद सिंह के साथ खड़े नजर आ रहे है लेकिन तेजस्वी का जगदानंद सिंह के साथ खड़ा होना तेजप्रताप को रास नहीं आ रहा है.

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जगदानंद सिंह से नहीं खत्म हो रहा मनमुटाव
शुक्रवार को अपने दिल्ली में अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद पटना लौटे तेजप्रताप यादव शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे और सीधे लालू प्रसाद यादव के चेंबर में जाकर बैठ गए. इस दौरान पार्टी दफ्तर में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजूद थे. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात नहीं हुई और तेजप्रताप के पहुंचने के थोड़ी ही देर बाद जगदानंद कार्यालय से निकल कर चले गए. पार्टी कार्यालय से निकलने के बाद तेज प्रताप यादव से जब पत्रकारों ने पूछा कि आप की जगदानंद सिंह से मुलाकात हुई, तब उन्होंने कहा कि ‘उनको अपने भतीजे से आकर मिल लेना चाहिए था’.

78 वर्षीय जगदानंद सिंह बिहार के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और लालू-तेजस्वी यादव के सबसे करीबी विश्वासपात्र हैं. एक महीने पहले तेज प्रताप ने युवाओं की एक रैली को संबोधित करते हुए सिंह को “हिटलर” कहा था. हालांकि इस बात से नाराज होकर जगदानंद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव के की समझाइश के बाद जगदानंद ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया. बता दें कि जब से जगदानंद सिंह ने राजद के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है, उन्होंने राजद के भीतर अनुशासन लाने का काम किया है. हालांकि आकाश यादव को राजद के छात्र विंग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने के बाद से जगदानंद सिंह तेजप्रताप के निशाने पर है. इस बात को लेकर तेजप्रताप यादव तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव और जगदानंद सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मीडिया ये तक कहा था कि जब तक जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जायेगी मैं तब तक पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लूँगा।

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